हमारे देश में उच्च रक्तचाप के मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। उच्च रक्तचाप के कारण अन्य गंभीर बीमारियों में जटिलता तेजी से बढ़ती है और मौत का खतरा भी बढ़ जाता है। उच्च रक्तचाप के साथ अगर किसी को मधुमेह, किडनी रोग या कैंसर जैसी गंभीर बीमारी है तो मौत का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए ऐसे मरीजों को सावधान रहने की बहुत आवश्यकता है ।साथ ही साथ ऐसे मरीजों को एकांतवास में रहने की बड़ी आवश्यकता है। अनियंत्रित उच्च रक्तचाप अन्य गंभीर बीमारियों का भी तेजी से कारण बन रहा है।उच्च रक्तचाप में दिमाग, हृदय और फेफड़े में खून के जमने का खतरा बना रहता है। ऐसी स्थिति में मरीज की जान भी जा सकती है। कोविड-19 के मरीज में उच्च रक्तचाप फेफड़ा, हृदय, किडनी, दिमाग पर दबाव बढ़ा रहा है, जो मौत का कारण बन रहा है।
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कर के शरीर में रक्त के संचार को सामान्य किया जा सकता है। इससे अन्य गंभीर बीमारियों में भी जान जाने का खतरा कम हो जाता है। तमाम अध्ययन एवं शोध से यह बात सामने आई है कि जिस भी मरीज का शुगर और ब्लड प्रेशर अनियंत्रित है उन्हें एक बार कोरोना हो जाने के बाद दोबारा होने की प्रबल संभावना है ।अतः अपने चिकित्सक से मिलकर उच्च रक्तचाप का निश्चित रूप से इलाज करवा लेना चाहिए। उच्च रक्तचाप तब होता है जब खून की नलियों में बहने वाले रक्त की शक्ति लगातार बढती जाती है। यदि ब्लड प्रेशर की रीडिंग कई हफ्तों से लगातार140/ 90 से ज्यादा या उससे भी ऊपर है तो यह हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) है।
उच्च रक्तचाप के कारण क्या हैं?
उच्च रक्तचाप के कई कारण हैं, जिसका अर्थ है कि कई कारकों की वजह से उच्च रक्तचाप पैदा होता हैं।
इसमें निम्न कारक शामिल हैं
- ज्यादा नमक का सेवन या साल्ट सेंसटिविटी – यह बुजुर्गों, मोटापे से ग्रस्त लोगों या गुर्दे की समस्याओं वाले लोगों में होता है।
- उच्च रक्तचाप अनुवांशिक – जिन लोगों के माता-पिता में से एक को भी उच्च रक्तचाप है उनमें उच्च रक्तचाप की संभावना अधिक होती हैं।
- जो मोटापे से ग्रस्त हैं, व्यायाम नहीं करते, ज्यादा नमक का सेवन करते हैं,बाज़ार की तली भुनी चीजें ज़्यादा खाते हैं,ज़्यादा शराब अल्कोहल पीते हैं, पैक्ड फूड ज़्यादा खाते हैं और बूढ़े होते हैं।
उच्च रक्तचाप के खतरे के क्या कारक हैं?
सामान्य खतरे के कारकों में निम्न हो सकते हैं –
- पारिवारिक इतिहास – यदि माता-पिता या अन्य करीबी खून के रिश्तेदारों को उच्च रक्तचाप होता है तो यह आपको भी हो सकता है।
- आयु – जितनी ज्यादा उम्र होती है उतना ही ज्यादा उच्च रक्तचाप हो सकता है। जैसे जैसे हमारी उम्र बढती है, हमारी खून की नलियां धीरे-धीरे अपनी लोच और गुणवत्ता खो देती हैं, जो रक्तचाप की बढ़ोतरी में योगदान देती हैं। लेकिन बच्चे भी उच्च रक्तचाप विकसित कर सकते हैं।
- लिंग – 64 साल की उम्र तक पुरुषों को महिलाओं तुलना में उच्च रक्तचाप के बढने की ज्यादा संभावना रहती है। 65 वर्ष और उससे ज्यादा की उम्र में महिलाओं को उच्च रक्तचाप होने की ज्यादा संभावना होती है।
- गुर्दे की बीमारी के कारण क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) उच्च रक्तचाप का कारण हो सकता है और गुर्दे की हानि हो सकती है।
- शारीरिक गतिविधि की कमी – यदि आपकी जीवनशैली में पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं होती तो उच्च रक्तचाप होने का खतरा बढ़ जाता है। शारीरिक गतिविधि दिल और परिसंचरण तंत्र के सामान्य रूप से चलने के लिए बहुत अच्छी है।
- अधिक वजन या मोटा होना – बहुत अधिक वजन होना दिल और परिसंचरण तंत्र पर एक अतिरिक्त तनाव डालता है जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। यह कार्डियोवैस्कुलर बीमारी, मधुमेह और उच्च रक्तचाप के खतरे को भी बढ़ा देता है।
- बहुत अधिक शराब पीना – नियमित रूप से शराब का उपयोग हार्ट फेल, स्ट्रोक और अनियमित दिल की धड़कन (एरिथिमिया) सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है और कैंसर, मोटापे, शराब, आत्महत्या और दुर्घटनाओं के खतरे को भी बढ़ा सकता है।
- स्लीप एपनिया – अनिद्रा उच्च रक्त चाप के खतरे को बढ़ा सकता है।
- उच्च कोलेस्ट्रॉल – उच्च रक्त चाप वाले आधे से ज्यादा लोगों में उच्च कोलेस्ट्रॉल भी होता है।
- मधुमेह – मधुमेह वाले ज्यादातर लोग भी उच्च रक्त चाप से ग्रसित होते हैं।
- धूम्रपान और तंबाकू का उपयोग – तंबाकू का उपयोग करने से रक्तचाप बढ़ सकता है और धमनियों के नुक्सान में योगदान कर सकता है।
- तनाव – तनाव एक बुरी चीज है ।ज्यादा तनाव से रक्तचाप बढ़ सकता है। इसके अलावा बहुत ज्यादा तनाव उन व्यवहारों को प्रोत्साहित कर सकता है जो रक्तचाप को बढ़ाते हैं, जैसे कि खराब आहार, शारीरिक निष्क्रियता और सामान्य रूप से तम्बाकू या शराब पीना है।
उच्च रक्तचाप को कैसे रोकें और नियंत्रित करें?
उच्च रक्तचाप से खुद को बचाने के लिए इन युक्तियों का पालन करें –
- स्वस्थ आहार खाएं – अपने रक्तचाप को कंट्रोल करने के लिए अपने खाने में सोडियम (नमक) की मात्रा को सीमित करना चाहिए और अपने आहार में पोटेशियम की मात्रा को बढाना चाहिए। वसा से कम भोजन, साथ ही साथ फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाना भी महत्वपूर्ण है।
- नियमित व्यायाम करना – व्यायाम स्वस्थ शरीर बनाए रखने और रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।
- स्वस्थ वजन रखना – अधिक वजन होने या मोटापा होने से उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। स्वस्थ वजन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- अल्कोहल से दूर ही रहें – बहुत अधिक शराब पीना रक्तचाप को बढ़ा सकता है। यह अतिरिक्त कैलोरी भी जोड़ता है जिससे वजन बढ़ सकता है। अतएव अल्कोहल से बचना ही श्रेयस्कर है।
- धूम्रपान नहीं – सिगरेट रक्तचाप को बढ़ाता है और दिल के दौरे और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा देता है।
- तनाव का प्रबंधन – तनाव का प्रबंधन भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ उच्च रक्तचाप को भी कम कर सकता है। तनाव के प्रबंधन की तकनीकों का अभ्यास करना, संगीत सुनना, शांतिपूर्ण वातावरण पर ध्यान देना आदि इसमें शामिल हो सकते हैं|
योग व्यायाम नियमित रूप से करते रहें।
होम्योैथिक औषधि
होम्योपैथी द्वारा उच्च रक्त चाप को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है बशर्ते किसी सुयोग्य चिकित्सक से अपनी चिकित्सा कराएं और अपनी दैनिक दिनचर्या और खानपान पर पूरा ध्यान रहे।