एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। अधिवक्ता परिषद की बैठक आई आई एम टी इंजीनियरिग कॉलेज प्लॉट नंबर 20 नॉलेज पार्क, ग्रेटर नोएडा में आयोजित की गई। जिसमें 26 जिला इकाईयों के महामंत्री व अध्यक्षों ने भाग लिया। इनके साथ राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी, ट्रेड टैक्स व श्रम न्यायालय व तहसील के संयोजक भी बैठक में शामिल रहे। अधिवक्ता परिषद उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन की नीति के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को तीन खंडों में विभाजित किया गया है। बैठक में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री डी भरत, क्षेत्रीय संगठन मंत्री हरि बोरिकर, राष्ट्रीय मंत्री सत्य प्रकाश राय व राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री संतोष कुमार भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का आरम्भ भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलन व वन्दे मातरम् गीत के साथ हुआ। राष्ट्रीय मंत्री सत्यप्रकाश राय ने कहा कि आज अधिवक्ता परिषद व अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद में रचनात्मक परिवर्तन प्रक्रिया है। अधिवक्ता परिषद को आज पच्चीस साल व संघ को सौ साल पूरे हो रहे है इस दौरान उत्तर प्रदेश दो भागो में विभाजित हो गया है लेकिन परिषद आज भी वही अधिवक्ता परिषद है बस उसका सिंहावलोकन करते हुए समयानुकुलता को देखते हुए परिषद का विकास कैसे करना है यह देखना होगा। सत्य तो बोलना होगा और इस देश की संस्कृति और सम्मान को अब दबाया नहीं जा सकता है।
डी भारत कुमार ने कहा की छोटी इकाई के गठन से कार्य की गहराई बढ़ती हैं और उसकी छाप नीचे तक पहुँचती है। क्षेत्रीय मंत्री उत्तर प्रदेश उत्तराखंड चरण सिंह त्यागी ने ब्रज प्रान्त के अध्यक्ष के रूप में नरोत्तम कुमार गर्ग मेरठ को अध्यक्ष, राखी शर्मा बिजनौर को महामंत्री, कमल सिंह लोधी बुलंदशहर को कोषाध्यक्ष, विजय कुमार शर्मा फ़िरोज़ाबाद, उमा शंकर शर्मा मथुरा, गिरीश चंद्र पांडे बरेली, सुभाष चंद्र गुप्ता आगरा, श्रीमती आशा रानी गाजियाबाद को उपाध्यक्ष तथा धर्मेंद्र वर्मा आगरा, शंकर सैनी हापुड़ को मंत्री घोषित किया गया। क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक ने कहाँ की अधिवक्ता परिषद निश्चित तौर पर समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुँचाने का कार्य कर रहा है।
बैठक में आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा व भविष्य मे होने वाले कार्यक्रमों पर भी गहन चिंतन मनन किया गया। प्रत्येक जिले की तहसीलों मे किस प्रकार अधिवक्ता परिषद को आगे ले जाया जाए और महिलाओ की सहभागिता को संगठन में किस प्रकार बढ़ाया जाए व संगठन को किस प्रकार अधिक गतिशील बनाने के साथ ही इसके चार मूल आयामों न्यायकेंद्र, स्वाध्याय मंडल, न्यायप्रवाह सदस्यता व मासिक बैठक को और अधिक सशक्त बनाया जाए इसपर भी मंथन किया गया। कोई भी संगठन कितनी ऊंचाई पर जाएगा यह उसके कार्यकर्ताओं के अथक प्रयास, मेहनत व कार्य करने की क्षमता पर निर्भर करता है। गौतमबुद्धनगर ईकाई के कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अथक परिश्रम किया जिसमे सतेंद्र, प्रेम सिंह, किशनलाल पाराशर, सरिता मलिक, ऋतंभरा, सपना, जयेंद्र, हर्षित, ऋषभ, विनोद, अमित, अजय, सत्यम, ध्रुव, आकाश, नीरज, दिनेश आदि अनेक कार्यकर्ताओं का सहयोग रहा।