- डीडीयू में मनाया गया बाबा साहब का महापरिनिर्वाण दिवस
एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के संवाद भवन में आज भारत के संविधान निर्माता डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। यह श्रद्धांजलि सभा विश्वविद्यालय के एससी/एसटी अध्यापक और कर्मचारियों के संघ द्वारा आयोजित की गई। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह रहे। कुलपति ने कहा की डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने समाज के सभी वर्गों के लिए कार्य किया। वह एक महान शख्सियत, राष्ट्र नायक, महान राजनीतिक नेता एवं चिंतक थे। कहा कि कैसे हम बाबा साहब के पदचिन्हों पर चलकर बेहतर भारत का निर्माण कर सकते है। उनसे सीख लेने की जरूरत है कि कैसे हमारे विद्यार्थी, शिक्षक उनके पद चिन्हों पर चलते हुए समाज को बेहतर बना सकते हैं।
अपने उद्बोधन में कुलपति ने बाबा साहब के शैक्षणिक और सामाजिक योगदान को याद किया। और इस बात पर विशेष जोर दिया कि जिस तरह से दुनिया के तमाम विश्वविद्यालय प्रतिष्ठा हासिल कर रहे हैं उसी तरह से हमारे विश्वविद्यालय को भी प्रतिष्ठा के शिखर पर पहुंचाने में बाबा साहब के विचार काफी मदद कर सकते है।
विद्यार्थियों, शोधार्थियों और अध्यापकों की उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से सीख हासिल करनी चाहिये। कुलपति ने कहा की बाबा साहब का कार्य किसी एक समाज के लिए नहीं बल्कि संपूर्ण राष्ट्र के लिए था। कुलपति ने कहा कि हमें सोचने की आवश्यकता है कि कैसे हम बाबा साहब के विचारों पर मंथन करते हुए अपने विश्वविद्यालय को एवं विद्यार्थियों को कोलंबिया यूनिवर्सिटी, लंद स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स जैसे विश्व के 10 इंसटिटयूशन के बराबर के जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज के दिन को और भव्य तरीके से मनाया जाना चाहिए। आज के दिन प्रतियोगित, सामाजिक मॉडल बनाने चाहिए जो हमारे जीवन शैली, शिक्षा प्रणाली को प्रभावित करें। कुलपति महोदय ने बाबा साहब की आरबीआई की अवधारणा, सबके लिए मताधिकार, मजदूरों के लिए 8 घंटे की कार्यावधि की अवधारणा, मातृत्व अवकाश का भी प्रावधान इत्यादि पर विस्तार से चर्चा किया। एससी एसटी कर्मचारी और अध्यापक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ बृजेश कुमार ने कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के सपनों का भारत तभी बनेगा जब तमाम तरह की सामाजिक कुरीतियों का समूल नाश किया जाएगा । भौतिकी विभाग के सहायक आचार्य डॉ प्रभुनाथ जी प्रसाद ने कहा कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने महिलाओं के उत्थान के लिए बहुत किए गए कार्यों का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की जब हिंदू कोड बिल को वो पार्लिमेंट में पास न करवा सके तो उन्होंने कानून मंत्री के अपने पद पद से इस्तीफा दे दिया।
अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो आलोक गोयल ने बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के सामाजिक और राजनीतिक योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि बाबा साहब ऐसे विरले लोगों में से थे जो विपरीत परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य पथ पर डटे रहे। उन्होंने वंचित वर्गो को भी अपनी आर्थिक और राजनीतिक भागीदारी को सुनिश्चित करने के विचार पर जोर दिया। इस अवसर पर सहायक आचार्य हिंदी विभाग डॉ अभिषेक शुक्ला एवं राज बहादुर गौतम ने भी अपने विचारों को व्यक्त किया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो राजेश सिंह जी ने बाबा साहब की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण कर किया। उसके बाद सभी शिक्षक एवं छात्र – छात्राओं नेे बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा में विधि के छात्र आकाश पासवान, प्रियंका और राजनीति विज्ञान विभाग के शोधार्थी प्रवीण चौधरी ने भी बाबा साहब के योगदान को रेखांकित किया । इस श्रृद्धांजलि सभा में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के संकायाध्यक्ष, विभागों के विभागाध्यक्ष, मुख्य नियंता प्रो गोपाल प्रसाद, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो अजय सिंह, अध्यापकगण, अधिकारी कर्मचारी बंधु के साथ-साथ विभिन्न विभागों के शोधार्थी और विद्यार्थी मौजूद रहे।