ताप बिजली घरों में हड़ताल के चलते इकाइयां बन्द होना शुरू
एनआईआई ब्यूरो। ओबरा, अनपरा और हरदुआगंज में संध्या पाली के बिजली कर्मियों को लगातार 16 घण्टे जबरन रोक कर कार्य कराया गया। भूखे प्यासे बिजली कर्मियों को एक प्रकार से बंधक बनाकर कार्य कराया गया। अंततः प्रशासन झुका। ओबरा ताप बिजली घर में 200-200 मेगावॉट क्षमता की 9 व 11 नम्बर इकाइयां बिजली कर्मियों की उपलब्धता न होने के कारण बन्द की जा रही हैं। आनपारा ए में 210-210 मेगावॉट क्षमता की 1 व 2 नंबर इकाइयां बन्द की जा रही हैं। ओबरा व आनपारा में अन्य इकाइयों का संचालन एन टी पी सी के लोग कर रहे हैं। पारीछा में सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं। इकाइयों का संचालन रिलायंस व बजाज के लोग कर रहे हैं। परीक्षा में 210 मेगावॉट की 4 नंबर इकाई बंद कर दी गई है। हरदुआगंज में एन टी पी सी के लोग आ गए हैं किंतु 660 मेगावॉट की इकाई पर बिजली कर्मियों को 16 घंटे से रोक कर रखा गया था। अब हरदुआगंज में भी सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं। इस प्रकार 16-17 घंटे के बाद सभी ताप बिजली घरों से सभी बिजली कर्मी बाहर आ गए हैं और शत प्रतिशत हड़ताल है। बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते 1030 मेगावॉट क्षमता की इकाइयां अब तक ठप्प हो गई हैं।
बिजली उत्पादन की ये इकाइयां प्रभावित :
- 33/11के,वी, जनपद गोरखपुर
- 33kv मछली गांव
- 33kv कैंपियरगंज ग्रामीण
- 33kv सोनौरा
- 33kv पीपीगंज
- 33kv नेतवर
- 33kv सिंघोरवा
- 33kv जंगल कौड़िया
- 33kv सरहरी
- 33kv एफ,सी,आई, गोरखपुर
- 33 kv कैंपियरगंज तहसील
- 33 kv अमहिया
- 33 kv चौरीचौरा
- 33 kv मुंडेरा
- 33 kv खुटहन
- 33 kv सरदारनगर
- 33 kv जगदीशपुर
- 33 kv नैयापर
- 33 kv भटहट
- 33 kv बड़हलगंज
- 33 kv डेरवा
- 33 kv पादरी बाजार
- 33 kv घघसरा
- 33 kv पाली
- 33 kv खजनी
- 33 kv सहजनवां तहसील
- 33 kv सहजनवां ग्रामीण
- 33 kv अहिरौली
- 33 kv चैनपुर
- 33 kv कल्याणपुर मठिया
- 33 kv बांसगांव ग्रामीण
- 33 kv बांसगांव तहसील
- 33 kv बिधनापर
- 33 kv धुरियापार
- 33 kv रानीपुर
- 33 kv कौड़ीराम
- 33 kv हरपुर अनंतपुर
- 33 kv गोला बाजार
- 33 kv गोला तहसील
- 33 kv हरिहरपुर
- 33 kv नौसढ़
- 33 kv सेवई
- 33 kv खजनी तहसील
इतने विद्युत उपकेंद्रों की सप्लाई पूरी तरह बाधित और साथ ही साथ गोरखपुर शहर के बहुत सारे 11 kv के फीडर ब्रेकडाउन हैं।
जनपद प्रयागराज
विद्युत आपूर्ति रिपोर्ट कार्ड,17/03/2023 समय 10:00
- विद्युत उपकेन्द्र गौरा पूर्ण रूप से बंद
- विद्युत उपकेंद्र बारा पूर्ण रुप से बंद 3 विद्युत उपकेंद्र बारा तहसील पूर्ण रुप से बंद
- विद्युत उपकेंद्र भीटा पूर्ण रुप से बंद
- विद्युत उपकेंद्र लालापुर पूर्ण रुप से बंद
- विद्युत उपकेंद्र गौहानिया पूर्ण रूप से बंद
- विद्युत उपकेंद्र ओल्ड खुशारूबाग पूर्ण रुप से बंद
- विद्युत उपकेंद्र इंदलपुर पूर्ण रूप से बंद
- इलाहाबाद फीडर और छिबैया फीडर पूर्ण रुप से बंद
- विद्युत उपकेंद्र लेडियारी पूर्ण रुप से बंद
- विद्युत उपकेंद्र कल्याणी देवी का ककहरा घाट और अटाला फिटर बंद
- विद्युत उपकेंद्र न्यूज़ हलवा का आइटीबीपी फीडर बंद
- विद्युत उपकेंद्र लाल तारा पूर्ण रुप से बंद
- विद्युत उप केंद्र तेलियरगंज का एक फीडर बंद
- मोहम्मद अली पार्क की एक इनकमिंग बंद
- विद्युत उपकेंद्र अल्लापुर बाघंबरी फीडर बंद
- विद्युत उपकेंद्र बक्शी बांध का नाग वासुकी फीडर बंद
- विद्युत उपकेंद्र जेल रोड का स्टोर फीडर बंद
- विद्युत उपकेंद्र रामबाग के तीन फीडर बंद
- विद्युत उपकेंद्र शांतिपुरम का एक फीडर बंद
- विद्युत उपकेंद्र त्रिवेणीपुरम झूसी पूर्ण रुप से बंद
- विद्युत उप केंद्र फतेहपुर कायस्थान पूर्ण रुप से बंद
- हंडिया तहसील की सप्लाई बंद
- विद्युत उपकेंद्र जारी पूर्ण रूप से बंद
- विद्युत उप केंद्र चंपापुर पूर्ण रुप से बंद
बिजलीकर्मियों की हड़ताल का व्यापक असर : उत्पादन निगम की 1030 मेगावाट क्षमता की पांच इकाईयां ठप
ऊर्जा मंत्री द्वारा बिजलीकर्मियों पर लगाये गये तोड़-फोड़ के आरोप का संघर्ष समिति ने किया कड़ा प्रतिवाद
एनआईआई ब्यूरो
लखनऊ/प्रयागराज/गोरखपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर 16 मार्च की रात से शुरू हुई हड़ताल का प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा। उत्पादन गृहों की 05 इकाईयाँ ठप हो गयी हैं। पारेषण की कई लाईनें बंद हैं और व्यापक पैमाने पर 33/11 केवी उपकेन्द्रों की आपूर्ति व्यवस्था चरमरा गयी है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन को हड़ताल के लिए उत्तरदायी ठहराते हुए कहा है कि बिजलीकर्मी ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के सम्मान के लिए लड़ रहे हैं। संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री के द्वारा लगाये गये तोड़-फोड़ के आरोपों का कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा है कि बिजलीकर्मी विद्युत संयंत्रों को अपनी माँ मानते हैं और शांतिपूर्ण ढंग से हड़ताल कर रहे हैं।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 16 मार्च की रात 10 बजे हड़ताल शुरू होने के बाद उत्पादन गृहों, एसएलडीसी और पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों की रात्रि पाली में कार्य करने हेतु एक भी बिजलीकर्मी ड्यूटी पर नहीं गया। हड़ताल शत-प्रतिशत है। बिजलीकर्मियों के ड्यूटी पर न जाने के बाद प्रशासन और प्रबन्धन ने इवनिंग शिफ्ट के कर्मचारियों को सभी बिजलीघरों में बंधक बना लिया और उनसे जबरन प्रातः 07 बजे तक लगभग 17 घण्टे लगातार काम करवाया। भूखे प्यासे काम करते हुए कई कर्मचारियों की तबियत बिगड़ गयी।
प्रातः इन कर्मचारियों के शिफ्ट से बाहर जाने के बाद बिजली उत्पादन पर भारी प्रतिकूल असर दिखाई दिया। अनपरा में 210-210 मेगावाट क्षमता की 2 इकाईयाँ, ओबरा में 200-200 मेगा वाट क्षमता की 9 एवं 11 नम्बर इकाई तथा पारीछा में 210 मेगा वाट क्षमता की 3 नम्बर इकाई बंद करनी पड़ी। इसके अतिरिक्त अनपरा में 210 मेगवाट की एक इकाई तथा 500 मेगा वाट की एक इकाई एवं पारीछा में 110 मेगावाट की एक इकाई जो पहले से बंद थी उन्हें बिजली कर्मचारियों के अभाव में हड़ताल के दौरान नहीं चलाया जा सका। इस प्रकार कुल 1850 मेगा वाट का उत्पादन प्रभावित हुआ है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि बिजली घरों में काम करने के लिए एक भी बिजलीकर्मी ड्यूटी पर नहीं गया है और हड़ताल शत-प्रतिशत है।