एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। गोरखपुर: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के इंटरनेशनल सेल के निदेशक डॉ. रामवंत गुप्ता, इंटरनेशनल सेल द्वारा एक ऑनलाइन बैठक का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य जीवन विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी और सूक्ष्म जीव विज्ञान से संबंधित अनुसंधान को बढ़ावा देना है। प्रो राजर्षि कुमार गौड़ (जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख), प्रो दिनेश यादव (निदेशक अनुसंधान और विकास सेल), प्रो शरद कुमार मिश्रा (निदेशक कृषि और प्राकृतिक विज्ञान संस्थान), प्रो मनीष कुमार श्रीवास्तव ( सदस्य अनुसंधान और विकास सेल), डॉ. गौरव सिंह और डॉ. पवन (जैव प्रौद्योगिकी विभाग में सहायक प्रोफेसर) ने ऑनलाइन बैठक में भाग लिया।
डॉ. के.एम. कादरी, बांग्लादेश के मौलाना भशानी विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में जैव प्रौद्योगिकी और जेनेटिक इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष ने कैंसर जीव विज्ञान, मधुमेह और बायोरेमेडिएशन जैसे विषयों पर चर्चा की। यह माना गया कि दोनों विश्वविद्यालय सभी स्तरों पर अनुसंधान में गहरी रुचि रखते हैं और शिक्षा और जैव प्रौद्योगिकी उन्नति में उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता रखते हैं।दोनों विश्वविद्यालयों के सचिवों ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) के लाभों पर चर्चा की, जिसमें दोहरी डिग्री कार्यक्रम और छात्रों, संकाय और अनुसंधान सहयोग से जुड़े त्रि-स्तरीय आदान-प्रदान शामिल हैं। एमबीएसटीयू के रजिस्ट्रार डॉ. तौहीदुल इस्लाम ने भी जल्द ही गोरखपुर विश्वविद्यालय और मौलाना भशानी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन स्थापित करने का इरादा व्यक्त किया।
इस अवसर पर प्रो राजर्षि गौर ने 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए छात्रों को तैयार करने, औद्योगिक प्रक्रियाओं को शामिल करने और जैव प्रौद्योगिकी प्रगति का उपयोग करने के विभाग के लक्ष्य पर जोर दिया। विभाग का मिशन 21वीं सदी की चुनौतियों का समाधान करते हुए उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने और आनुवंशिकी और जैव प्रौद्योगिकी में अग्रणी अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान प्रदान करने में उत्कृष्टता प्राप्त करना है।