शाश्वत स्वर
मिलिये 126 वर्षीय योग-साधक ‘आधुनिक ऋषि’ पद्मश्री स्वामी शिवानंद से..
अनिल त्रिपाठी, चीफ़ एक्सिक्यूटिव, न्यूज इंफोमैक्स इंडिया वाराणसी का दुर्गाकुंड मोहल्ला। इसी मोहल्ले के एक साधारण से घर में रहते हैं असाधारण व्यक्तित्व के धनी पद्मश्री बाबा शिवांन्द जी। समय सुबह साढ़े आठ से नौ के बीच। जेठ माह का चढ़ता सूरज माहौल को पूरी शिद्दत से अपने तपते आगोश में समेटने को बेताब। NII की […]
Read Moreसंस्मरण : न्यायमूर्ति जगमोहन सिन्हा का वो ऐतिहासिक फैसला जिसने इतिहास की धारा मोड़ दी
इमरजेंसी की एक दुखांत कहानी आज का दिन मुल्क के इतिहास में रोमांचकारी मोड़ के रूप में दर्ज है। आज ही के दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्रीमती इंदिरागांधी के खिलाफ फैसला सुनाया था। वे रायबरेली संसदीय सीट से राजनारायण को हराकर चुनाव में विजयी हुई थीं। राजनारायण ने उनके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमा दायर […]
Read Moreकेरल को कश्मीर बनने से बचाना है तो करें जनसंख्या नियन्त्रण
अल बलाग वेबसाट में उद्धृत किये गए एक मुस्लिम धर्म प्रचारक अल क्यूरी ने कहा- इस्लाम में शादी का प्रमुख उद्देश्य सन्तानोत्पत्ति है। इस्लाम अपने अनुयायियों को प्रोत्साहित करना है कि वे ज्यादा अपने समुदाय को बढ़ाने के लिए भारी तादाद में बच्चे पैदा करें। केरल में मुसलमानों की बढ़ती आबादी में बांग्लादेश, मालद्वीव और […]
Read Moreशाश्वत स्वर : विद्यासागर का आदर्श
बंगाल के विद्वान महापुरुष थे ईश्वरचंद विद्यासागर। उन्होंने वेदशास्त्रों का गहराई से अध्ययन किया था। वे वैदिक सनातन परंपरा के परम ज्ञानी थे। उन्होंने बंग समाज में फैली कई कुरीतियों का विरोध किया। वे पहले ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने विधवा विवाह का पुरजोर समर्थन किया था। परंपरा यह थी कि विधवाएं वाराणसी और वृंदावन भेज […]
Read Moreशाश्वत स्वर : तप का अहंकार
एक बौद्ध भिक्षु को अपनी तपसाधना पर अहंकार हो गया। वे चारो ओर घूम घूम कर अपना प्रचार करने लगे। उन्हें बौद्ध धर्म के प्रचार से कोई मतलब नहीं रह गया। वे जिस नगर में भिक्षा के लिए निकलते वहां अपने ज्ञान का अहंकार बघारते। विनम्र होकर भिक्षा के लिए किसी गृहस्थ के दरवाजे खड़ा […]
Read Moreशाश्वत स्वर : दान जगत का प्रकृत धर्म है, मनुज व्यर्थ डरता है
नरेश मिश्र भगवान बुद्ध के सबसे आत्मीय शिष्य थे आनंद। वे दानदाताओं से अधिक से अधिकतम दान लेते थे । उनके मठ में अन्न और वस्त्र का बड़ा भंडार था । एक राजा ने आनंद से पूछा, भदंत, आप इतने कपड़ों का दान लेते हैं तो इनका क्या उपयोग करते हैं । भदंत ने कहा, […]
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