Ramjanbhoomi Mahagatha
भाग- 11 : श्री राम जन्मस्थान ‘संघर्ष-गाथा’
(….केंद्र सरकार के गृह सचिव माधव गोडबोले ने साढ़े नौ बजे के करीब फैज़ाबाद में ही मौजूद भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के महानिदेशक से अपनी टुकड़ियों को तैयार रखने का निर्देश दिया। ..से आगे ) प्रतीकात्मक कारसेवा के लिए विवादित ढांचे के निकट स्थित राम चबूतरे का स्थान नियत था वहाँ पूजन यज्ञ-हवन की तैयारियां चल […]
Read Moreभाग- 10 : श्री राम जन्मस्थान ‘संघर्ष-गाथा’
‘जब मृतकों की संख्या कम दिखाने के लिए कारसेवकों की पार्थिव देह को दाह के बजाय दफ़ना दिया गया, या ग़ायब कर दिया गया’ (…चारों तरफ सिर्फ़ ख़ून का घूँट पीती खामोशी का स्यापा छाया था। कहने को तो उस समय भी अयोध्या में कर्फ्यू लगा था लेकिन सड़कों पर हर तरफ लोग घायलों को […]
Read Moreभाग- 9 : श्री राम जन्मस्थान ‘संघर्ष-गाथा’
जनरल डायर की बर्बरता को भी पीछे छोड़ दिया मुलायम सरकार ने (…..उस वक्त प्रकाशित विशेषांकों में इस बात की पुष्टि हुई कि उस दिन सरयू का जल भी लाल दिखा। किंतु सरकार ने अपने इस वीभत्स कांड में सिर्फ़ सोलह कारसेवकों के मारे जाने की पुष्टि की। जो सत्य से कोसों दूर था….से आगे) […]
Read Moreभाग- 8 : श्री राम जन्मस्थान ‘संघर्ष-गाथा’
‘जब मुलायम ने निहत्थे कारसेवकों पर चलवाई गोलियाँ’ (……विवादित परिसर में विराजमान रामलला समेत अन्य मूर्तियों को भी वहाँ से हटाने के भी सुझाव दिए गए। ऐसे सुझावों का जवाब देते हुए महंत अवेद्यनाथ ने गोरखपुर में कहा कि सामान्य मन्दिर-मस्जिद का स्थान तो बदला जा सकता है किंतु श्रीराम का जन्म स्थान कैसे बदला […]
Read Moreभाग- 7 : श्री राम जन्मस्थान ‘संघर्ष-गाथा’
(….इससे पता चलता है आज़ाद हिंदुस्तान में धर्मनिरपेक्षता की विकृत परिभाषा के सूत्रधार पँडित नेहरू ही थे, …से आगे) नेहरू के सुर में सुर मिलाते हुए फ़ैज़ाबाद ज़िला कांग्रेस महामंत्री अक्षय ब्रह्मचारी ने इस घटना के विरोध में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन गृह मंत्री लालबहादुर शास्त्री को ज्ञापन दिया। विधानसभा में यह मुद्दा उठने पर सरकार […]
Read Moreभाग- 6 : श्री राम जन्मस्थान ‘संघर्ष-गाथा’
(आज़ादी के बाद भी कई बार शिया समुदाय के कुछ नेताओं ने इसे अपनी मस्ज़िद बताते हुए मंदिर निर्माण के लिए ज़मीन देने की बात करके इस विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान की कोशिश की….से आगे -) इस बीच भारत के आज़ाद होने के हालात बनने लगे। इसी सुगबुगाहट के बीच सन 1946 में गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर […]
Read Moreअंक- 1 : रणबांकुरों की प्रेम कहानी
सम्पादक की कलम से… इतिहास मानव को रास्ता दिखाने वाली मशाल है। पर जब हम इस मशाल की रोशनी को नजरअंदाज कर देते हैं तो अनर्थ होते हैं। इतिहास के आईने से अनोखी प्रेम कहानियों पर आधारित एक ऐसी सीरीज़ की शुरुआत हम कर रहे हैं जिनमें रोमांच है, नसीहत है और साथ ही है […]
Read Moreभाग- 5 : श्री राम जन्मस्थान ‘संघर्ष-गाथा’
(लंबे समय तक औरंगजेब के क्रूर अत्याचारों की मारी हिन्दू जनता ने उस गड्ढे में ही श्री रामनवमी के दिन भक्तिभाव से अक्षत-पुष्प जल चढ़ाते जन्मभूमि पर अपना दावा बनाए रखा…से आगे) अब तक शाही सेना को यहाँ हुए भारी नुकसान से औरंगज़ेब इतना तिलमिलाया था कि उसने एक के बाद एक कुल दस हमले […]
Read Moreभाग- 3 : श्री राम जन्मस्थान ‘संघर्ष-गाथा’
(भाग -2 सिद्धियां धरी की धरी रह गईं.. से आगे) थकहार के मीर बाकी ने इस समस्या के बारे में लिखते हुए बाबर को ख़त भेजा। मामले की जानकारी होने पर बाबर भी हैरान परेशान हो गया उसने मीर बाकी को मस्ज़िद की तामीर काम फ़ौरन बन्द करवा के वापस दिल्ली आने का हुक्म लिखवा […]
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