- आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर विशिष्ट व्याख्यान
एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के शिक्षाशास्त्र विभाग में आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर व्यक्तित्व के विकास में शिक्षा की बहुआयामी भूमिका विषय पर विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षा शास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. शोभा गौड़ ने की कार्यक्रम की शुरुआत मे उन्होंने साक्षरता दिवस के महत्व को बताया उसके बाद उन्होंने मुख्य अतिथि का संक्षिप्त परिचय दिया । मुख्य अतिथि प्रो० हरिकेश सिंह,पूर्व कुलपति जयप्रकाश विश्ववद्यालय, छपरा, बिहार रहे जिन्होंने अपने व्याख्यान की शुरुआत मे गोरखपुर एवं गोरक्षनाथ पीठ की ऐतिहासिक पृष्ठभुमि का परिचय दिया I इसके बाद उन्होंने शिक्षा की वास्तविक परिभाषा को बताया साथ ही उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर भारत में साक्षरता सुनिश्चित करने मे शिक्षा का अधिकार अधिनियम २००९ की भूमिका को स्पष्ट किया । उन्होने शिक्षा के ५ व्यापक उद्देश्यों को बताया जो व्यक्तित्व निर्माण मे सहायक है।
जिसमे सर्वांगीकरण, पुर्णीकरण , समाजीकरण, मानवीकरण एवं विवेकीकरण है। उन्होंने व्यवहार मे वैज्ञानिक चेतना एवं चित्त मे उसकी भूमिका को स्पष्ट किया साथ ही साथ एक महत्वपूर्ण संप्रत्य सकल राष्ट्रीय खुशहाली सूचकांक (GNHI) की आवश्यकता को समझाया जो किसी देश के प्रगति का द्योतक होता है। अंत मे उन्होंने व्यक्तित्व की व्यापक परिभाषा को समझाते हुए व्यक्तित्व के भारतीय दृष्टिकोण की महत्ता को बताया । कार्यक्रम का संचालन डॉ० राजेश कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में प्रो० शैलजा सिंह, पूर्व अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता शिक्षाशास्त्र विभाग, प्रो० सुमित्रा सिंह,पूर्व अध्यक्ष एवं अधिष्ठाता शिक्षाशास्त्र विभाग की गारिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम में शिक्षाशास्त्र विभाग के प्रो० राजेश सिंह, प्रो० सुषमा पाण्डेय, प्रो० उदय सिंह, डॉ० ममता चौधरी, डॉ० मीतू सिंह, डॉ० दुर्गेश पाल, डॉ० अनुपम सिंह, श्रीमती ज्योति बाला उपस्थित रहे। कार्यक्रम में महाविद्यालयो के प्राध्यापक गण, शोधार्थी, बी.एड., एम. एड., एम. ए. के छात्र- छात्राओं की उपस्थिति रही । कार्यक्रम में आभार ज्ञापन प्रो० राजेश कुमार सिंह जी द्वारा किया गया।