एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। शुक्रवार 16 सितंबर को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के भूगोल विभाग में ओजोन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में अधिष्ठाता प्लानिंग रिपोर्ट जेनरेशन एवं एलुमनाई रिलेशन डिपार्टमेंट सिविल इंजीनियरिंग मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी संस्थान गोरखपुर उत्तर प्रदेश के प्रोफेसर गोविंद पांडे ने कहा कि मानव के लिए अति खतरनाक क्लोरीन तथा ब्रोमीन उत्पन्न करने वाले कारक मानव द्वारा जनित होते हैं यह रसायन क्लोरोफॉर्म कार्बन टेट्राक्लोराइड इत्यादि मानव निर्मित रसायन है और उन्हें हटाने के लिए मानव का सहयोग आवश्यक है। पूर्व विभागाध्यक्ष डिपार्टमेंट ऑफ जनरल एंड ज्योग्राफी स्कूल आफ अप्लाइड साइंसेज पापुलेशन रिसर्च सेंटर एचएस गौर यूनिवर्सिटी सागर मध्य प्रदेश के प्रोफ़ेसर संतोष शुक्ला ने कहा कि ओजोन परत पृथ्वी के ऊपर 15 किलोमीटर से 30 किलोमीटर के बीच समताप मंडल में बैठती है।
यह सूर्य के अधिकांश पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करता है जो पृथ्वी की सतह तक पहुंचने वाले इस विकिरण की मात्रा को सीमित करता है। विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एसके सिंह ने कहा उन्हें कारी पदार्थों में कमी का भी लाभकारी दुष्प्रभाव पड़ता पड़ा है। उन्होंने कहा ओजोन क्षयकारी पदार्थ भी बहुत शक्तिशाली ग्रीन हाउस गैसें हैं जो इस घटना में योगदान करते हैं क्योंकि अन्य पदार्थ व्यापक रूप से कार्बन डाइऑक्साइड मीथेन और नाइट्रस ऑक्साइड जैसे ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए जाने जाते हैं इसलिए ओजोन क्षयकारी पदार्थों के उत्सर्जन को कम करके मैट्रियल प्रोटोकॉल में एक ही समय में ओजोन परत और जलवायु दोनों की रक्षा की है। इस अवसर पर डॉक्टर स्वर्णिमा सिंह डॉ सर्वेश कुमार डॉ दीपक प्रसाद, डॉ रुचिका सिंह, डॉ अंकित सिंह एवं छात्र छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया धन्यवाद ज्ञापन डॉ सर्वेश कुमार ने किया