ग्रस्तास्त खण्डग्रास सूर्यग्रहण 25 नवम्बर दिन मंगलवार को आज

0 0
Read Time:8 Minute, 9 Second

आचार्य पंडित शरदचन्द्र मिश्र

अध्यक्ष – रीलीजीयस स्कॉलर्स वेलफेयर सोसायटी

उत्तरी भारत में ग्रहण का ग्रासमान सामान्यतः 60 प्रतिशत, की स्थानों में इससे कुछ अधिक ही होगा। श्रीनगर में तो 65 प्रतिशत तक होगा।ज्यों- ज्यों हम दक्षिण की ओर जाएंगे, ग्रासमान कम होता जाएगा। भारत के दक्षिणी प्रांतों में ग्रासमान 1 से 20 प्रतिशत पाया जाएगा। जालन्धर, दिल्ली, जम्मू क्षेत्र, शिमला में इसका ग्रासमान 55 से 62 प्रतिशत रहेगा। ग्रहण का सूतक – इस ग्रहण का सूतक 25 अक्टूबर 2022 के सूर्योदय से पहले 2 बजकर 30 मिनट=प्रारंभ हो जाएगा। यद्यपि कुछ शास्त्रीय वचनों के अनुसार ग्रस्तास्त ग्रहण में सूर्योदय काल से सूतक माना गया हैं।

ग्रहण का राशिफल

मेष राशि – स्त्री/ पति कष्ट,।।- वृषभ राशि – रोग, गुप्त चिन्ता,-।।- मिथुन राशि — खर्च अधिक, कार्य विलम्ब,–।।– कर्क राशि –कार्यसिद्धि,-।।– सिंह राशि – धन लाभ,।।– कन्या राशि –धन हानि,-।।– तुला राशि – दुर्घटना, चोट भय, चिन्ता,।।– वृश्चिक राशि – धन हानि,।।– धनु राशि – लाभ, उन्नति,।‌।– मकर राशि – रोग, कष्ट, भय,-।।–कुम्भ राशि– सन्तान सम्बन्धित गुप्त चिन्ता,।।– मीन राशि – शत्रु भय , साधारण लाभ।।

कार्तिक कृष्ण अमावस्या को खण्डग्रास सूर्यग्रहण है। यह लगभग (असम राज्य के गुवाहाटी नगर से दाईं तथा मेघालय राज्य के नलवारी नगर के दाईं ओर के सभी क्षेत्र – राज्यों को छोड़कर) ग्रस्तास्त खण्डग्रास सूर्यग्रहण सम्पूर्ण भारत में देखा जाएगा। अर्थात पूर्वी भारत को छोड़कर समस्त भारत में यह ग्रस्तास्त रुप में देखा जाएगा।दूसरे शब्दों में भारत में ग्रहण को मोक्ष समाप्त होने से पहिले ही सूर्यास्त हो जाएगा। भूगोल पर इस ग्रहण का समय भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार इस प्रकार रहेगा – ग्रहण आरंभ 14 बजकर 29 मिनट ( 2:29 p- m-) ग्रहण मध्य 16 बजकर 30 मिनट (4:30 p m), ग्रहण समाप्त 18 बजकर 32 मिनट। ग्रहण का ग्रासमान =0-861 , ग्रहण की अवधि= 4 घंटा 03 मिनट। भारत में इस सूर्यग्रहण की समाप्ति सूर्यास्त तक ही मानी जाएगी।

ग्रहण का पर्वकाल

सम्पूर्ण भारत में ( पूर्वी भारत को छोड़कर)यह ग्रहण ग्रस्तास्त है। इसलिए ग्रहण का पर्वकाल सूर्यास्त के साथ ही समाप्त हो जाएगा।इसलिए धार्मिक लोगों को सूर्यास्त के बाद सांय सन्ध्या, जपादि करना चाहिए। कार्तिक अमावस्या तथा मंगलवार ( भौमवती)अमावस को सूर्यग्रहण घटित होने से इस दिन तीर्थ स्नान, दान, तर्पण, श्राद्ध आदि का विशेष अनन्त माहात्म्य रहेगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश में गोरखपुर में इस ग्रहण का स्पर्श काल सायंकाल 4 बजकर 38 मिनट और मोक्ष 5 बजकर 19 मिनट ( सूर्यास्त का समय) है। कुल अवधि 41 मिनट।। सूर्य ग्रहण का सूतक स्पर्श से 12 घंटे पूर्व प्रारम्भ हो‌ जाता है, इसलिए गोरखपुर के आसपास के क्षेत्रों के लिए सूतक प्रातः 4 बजकर 38 मिनट से माना जाएगा।

ग्रस्त सूर्य बिम्ब को नंगी आंखों से कदापि न देखें। वैल्डिंग वाले ग्लास से इसे देख सकते हैं। ग्रहण के समय और ग्रहण की समाप्ति पर गर्म पानी से स्नान करना निषिद्ध है।रोगी, वृद्ध , गर्भवती स्त्रीयों, बालकों के लिए निषिद्ध नहीं है। ग्रहण काल में सोना, खाना- पीना, तेल‌ लगाना, मैथुन आदि निषेध है।नाखुन भी नहीं काटना चाहिए। सूर्य ग्रहण पर हरिद्वार, कुरुक्षेत्र, प्रयाग इत्यादि तीर्थों पर स्नान, दान, तर्पण इत्यादि का विशेष माहात्म्य होता है।

ग्रहण काल तथा बाद में क्या करें, क्या न करें

ग्रहण के सूतक और ग्रहण काल में स्नान, दान, जप -पाठ, मन। त्र- स्त्रोत्र एवं अनुष्ठान, तीर्थ स्नान,हवनादि शुभ कृत्यों‌का सम्पादन करना कल्याणकारी होता है। जब ग्रहण का आरंभ हो तो स्नान – जप, मध्यकाल में होम‌ और ग्रहण का मोक्ष होने पर दान तथा पूर्ण मोक्ष होने पर स्नान करना चाहिए। सूर्य ग्रहण काल में भगवान सूर्य की पूजा, आदित्यहृदय का पाठ, सूर्याष्टक स्त्रोत्र आदि सूर्य स्त्रोत्रों का पाठ करना चाहिए।पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्जी ग्रहण काल में दूषित हो जाते हैं, उन्हें नहीं रखना चाहिए। परन्तु तेल या घी में पका( तथा हुआ) अन्न, घी , तेल, दुध, दही, लस्सी, मक्खन, पनीर अचारी, चटनी, मुरब्बा आदि में तिल‌ या कुश का तृण रख देने से ग्रहण काल में दूषित नहीं होते हैं।सूखे खाद्य पदार्थों में तिल या कुशा डालने की आवश्यकता नहीं है।

भारत के अतिरिक्त दिखाई देने वाले स्थान

भारत के अतिरिक्त यह खण्ड ग्रहण अधिकतर यूरोप, मध्य – पूर्वी तथा उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी एशिया तथा उत्तरी हिन्द‌ महासागर में दिखाई देगा। यूरोप के लगभग सभी देशों में दिखाई देगा।इन देशों में यह खण्डग्रास सूर्यग्रहण प्रारंभ से समाप्ति तक दिखाई देगा। यह सूर्यग्रहण कार्तिक अमावस , मंगलवार को स्वाती नक्षत्र, प्रीति योग तथा तुला राशि में घटित हो रहा है। इसलिए देश में दुर्भिक्ष का भय, चोरों तथा अग्निकांड का भय रहेगा।मित्र सम्बन्धियों में मन मुटाव, वैर – विरोध, मन्त्रिमण्डल में परस्पर समन्वय व तालमेल का अभाव होगा।साधु -जन, व्यापारियों को कष्ट, हानि, वर्षा से फसलों की हानि और चना , मटर , तेलहन और दलहन जैसे वस्तुओं के दाम में वृद्धि का योग मिलेगा। यह ग्रहण स्वाती नक्षत्र तथा तुला राशि में होगा। अतः इस राशि/ नक्षत्र में पैदा हुए लोगों के लिए विशेष अशुभ फलदायक रहेगा। अतः इस राशि वालों को ग्रहण- दान,पाठ,आदित्य हृदय स्त्रोत्र, सूर्याष्टक स्त्रोत्रों का पाठ विशेष रुप से करना चाहिए।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Blog ज्योतिष

साप्ताहिक राशिफल : 14 जुलाई दिन रविवार से 20 जुलाई दिन शनिवार तक

आचार्य पंडित शरद चंद्र मिश्र अध्यक्ष – रीलीजीयस स्कॉलर्स वेलफेयर सोसायटी सप्ताह के प्रथम दिन की ग्रह स्थिति – सूर्य मिथुन राशि पर, चंद्रमा तुला राशि पर, मंगल और गुरु वृषभ राशि पर, बुध और शुक्र, कर्क राशि पर, शनि कुंभ राशि पर, राहु मीन राशि पर और केतु कन्या राशि पर संचरण कर रहे […]

Read More
Blog national

तीन दिवसीय राष्ट्रीय पर्यावरण संगोष्टी सम्पन्न

द्वितीय राष्ट्रीय वृक्ष निधि सम्मान -२०२४ हुए वितरित किया गया ११००० पौधों का भी वितरण और वृक्षारोपण महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के धाराशिव ज़िले की तुलजापुर तहसील के गंधोरा गाँव स्थित श्री भवानी योगक्षेत्रम् परिसर में विगत दिनों तीन दिवसीय राष्ट्रीय पर्यावरण संगोष्टी का आयोजन किया गया। श्री भवानी योगक्षेत्रम् के संचालक गौसेवक एवं पर्यावरण संरक्षक योगाचार्य […]

Read More
Blog uttar pardesh

सनातन धर्म-संस्कृति पर चोट करते ‘स्वयंभू भगवान’

दृश्य 1 : “वो परमात्मा हैं।” किसने कहा ? “किसने कहा का क्या मतलब..! उन्होंने ख़ुद कहा है वो परमात्मा हैं।” मैं समझा नहीं, ज़रा साफ कीजिये किस परमात्मा ने ख़ुद कहा ? “वही परमात्मा जिन्हें हम भगवान मानते हैं।” अच्छा आप सूरजपाल सिंह उर्फ़ भोलेबाबा की बात कर रहे हैं। “अरे..! आपको पता नहीं […]

Read More
error: Content is protected !!