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गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की नैक मूल्यांकन की तैयारी जोरों पर है। नैक मूल्यांकन के लिए नैक की टीम की विजिट जनवरी माह के अंत में संभावित है। ऐसे में विश्वविद्यालय को सभी मरम्मत, पैन्टिन्ग तथा अन्य कार्य एक महीने में पूरे करने होंगे। इन कार्यों को गति देने के लिए कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह सभी विभागों का अपनी पूरी टीम के साथ दौरा कर रहे हैं। इसके साथ ही कार्यों में तेजी लाने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई है। जिसमें नैक डायरेक्टर, अधिष्ठातागण, सहायक कुलसचिव, लेखा अधिकारी समेत सभी महत्वपूर्ण अधिकारी गण शामिल है। वित्त समिति से विशेष अनुमति लेकर इस कमेटी को 20 लाख एडवांस अग्रिम राशि उपलब्ध कराई गई है। तथा सभी अधिष्ठातागण एवं विभागाध्यक्षगण को छोटी मरम्मत जैसे सीसीटीवी, पेय जल की व्यवस्था, नेमप्लेट, दरवाजों की मरम्मत इत्यादि जैसे छोटे कार्यों को करवाने की जिम्मेदारी दी गई है।
इन छोटे कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय अनुमति की आवश्यकता नहीं है। कार्य पूर्ण करवा कर समिति के समक्ष बिल प्रस्तुत कर भुगतान प्राप्त किया जा सकता है। कई विभागाध्यक्षगण अपने विभाग में कार्य करवा कर समिति से भुगतान प्राप्त कर चुके हैं। कार्यो को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए यह विशेष व्यवस्था की गई है। अगर किसी विभाग में एक लाख से कम का कार्य करवाना है तो उसे कोटशन मंगवा कर विभागीय क्रय समिति से पास करवा कर अनुमति लेकर किया जा सकता है। इसके साथ ही मरम्मत के बड़े कार्य (सिविल तथा इलेक्ट्रिक) और रंगाई-पुताई के बड़े कार्यों के लिए विश्वविद्यालय टेंडर के माध्यम से लिस्टेड सरकारी एजेंसियों को कार्य दिया है। इन एजेंसियों की कार्य एक महीने के अंदर पूरा करने के लिए कहा गया है। अगर वह ऐसा नहीं कर पाए तो उनका भुगतान रोक दिया जाएगा और उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा।