एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के इतिहास विभाग ने 4 फरवरी, 2023 को चौरी-चौरा के ऐतिहासिक घटना की 101वीं वर्षगांठ के अवसर पर चौरी-चौरा के शहीदों के सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर चंद्रभूषण गुप्ता ने अपने विचार रखते हुए कहा कि चौरी-चौरा की घटना एक महान ऐतिहासिक घटना थी। उन्होंने इस घटना को स्मरण करते हुए बताया कि जब वे छात्र जीवन में थें, तो इस घटना का जिक्र केवल दो या तीन लाइनों में ही देखने को मिलता था। उन्होंने शाहिद अमीन की पुस्तक ‘Event, Metaphor, Memory: Chauri Chaura,1922-1992’ और सुभाष चंद्र कुशवाहा की पुस्तक ‘ चौरी-चौरा विद्रोह और स्वाधीनता आंदोलन’ को उल्लेखित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इतिहास लेखन एक सतत प्रक्रिया है।
श्रद्धांजलि सभा में विभाग की वरिष्ठ प्रोफ़ेसर निधि चतुर्वेदी ने चौरी-चौरा के शहीदों को याद करते हुए उनके बलिदान को रेखांकित किया तथा विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रोफ़ेसर हिमांशु चतुर्वेदी के संयोजकत्व में चौरी-चौरा की घटना के संबंध में हुए कार्यों का वर्णन किया और यह बताया कि उनके दिशा-निर्देश में इस घटना के उन नवीन तथ्यों को उजागर करने में मदद मिली। श्रद्धांजलि सभा का संचालन विभाग के सहयुक्त आचार्य डॉ० सुधाकर लाल श्रीवास्तव ने किया। कार्यक्रम में विभागीय शिक्षिका डॉ० श्वेता के अतिरिक्त शोध-छात्र अस्मित, जय गोपाल, रवि, शिव, अमित, विमलेश, रमेश, अमित तिवारी तथा श्रेया, अर्चिता, कंचन, ज्योत्सना, ममता शामिल थे।