एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ के तत्वावधान में 08फरवरी, 2023 को “पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर आधारित कविता एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने पं. दीनदयाल के विचारों एवं कथनों को कविता एवं स्लोगन के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम संयोजक प्रो. विजय चाहल ने विद्यार्थियों के बीच में दीनदयाल जी के विचारों एवं कथनों पर विस्तृत चर्चा की। विद्यार्थियों ने परिचर्चा से अनेक विषयों को निकालकर बहुत ही रचनात्मक स्लोगन की रचना की, जो दीनदयाल जी के आदर्शों विचारों एवं कार्यों को प्रदर्शित करने वाले हैं।बी.ए तृतीय वर्ष के शैलेश कुमार ने लिखा कि असमानता, गरीबी, क्षेत्रवाद करेगा समाज को बर्बाद। दीनदयाल जी के अंत्योदय से होगा समाज आबाद।। श्रेया सिंह बीएससी प्रथम वर्ष ने लिखा यदि मन में हो मानवता तो, व्यक्ति मोक्ष प्राप्त हो जाएगा, “एकात्मकता को यदि जान गए ,तो भारत इतिहास नया रच जाएगा। एम.ए. की छात्रा रोशनी मिश्रा ने लिखा कि हम सब का हो एक प्रयास, अन्त्योदय से ही सबका विकास।आओ एक समझदारी भरा कदम उठाए एकात्म मानवदर्शन को अपनाएँ । विकास निषाद ने लिखा कि यदि देंगे मानव का ध्यान, तो होगा विश्व महान”। आकृति पाठक ने लिखा कि त्याग और तपस्या तेरी युगों युगांतर तक याद रहेगी ,हे भारत के दीना तेरी एकात्म मानववाद सदैव हर हृदय में वास करेगी। श्रुति त्रिपाठी ने लिखा कि ‘नए युगों में पनपते जितने नए सवाल, सब प्रश्नों के एक हल पंडित दीनदयाल’।
सुखदेव, शशांक , सूरज, पीयूष, अभिषेक, शिवानी द्विवेदी, अनीशा जयसवाल, पम्मी कुमारी, चंदन सिंह, राम जनक यादव ,आर्यन कुमार आदि ने कई सुंदर एवं महत्वपूर्ण स्लोगन की रचना की।