एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। नैक मूल्यांकन श्रेणी किसी भी विश्वविद्यालय के लिए उपलब्धि की एक रिपोर्ट मात्र नहीं होती बल्कि किसी संस्थान के विकास और प्रगति का मानचित्र भी होता है ।यह उदगार दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन प्रकोष्ठ (आई क्यू ए सी) के निदेशक प्रो अजय सिंह ने रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग में ‘अपूर्व उपलब्धि एवं भविष्य के लक्ष्य’ विषय पर केंद्रित आयोजन में यह उद्गार व्यक्त किया। उन्होंने विस्तार से नैक मूल्यांकन प्रक्रिया और चुनौतियों के बारे में बताते हुए कुलपति प्रो राजेश सिंह की दूरदर्शितापूर्ण रणनीति और कम समय तथा संसाधनों में भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की प्रतिबद्धता को इस उपलब्धि का सबसे महत्वपूर्ण घटक बताया। उन्होंने मूल्यांकन में रक्षा अध्ययन विभाग के श्रेष्ठ प्रदर्शन का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि पीयर टीम ने भी इस विभाग के प्रति बहुत अच्छी राय जाहिर की थी।
इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में पूर्व आचार्य एवं अध्यक्ष प्रो आर एन सिंह ने नैक में सर्वोच्च श्रेणी अर्जित करने पर समूचे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देते हुए विद्यार्थियों को श्रेष्ठता के इस स्तर को आगे बनाये रखने में उनकी भूमिका का जिक्र करते हुए बेहतर भविष्य की शुभकामनाएँ दीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो ए पी शुक्ल तथा पूर्व प्रतिकुलपति प्रो हरी सरन ने भी अपने उद्बोधन में इस विभाग की क्षमताओं, विशेषताओं और उपलब्धियों की चर्चा करते हुए भविष्य के अकादमिक लक्ष्यों के विषय में मार्गदर्शन किया। इससे पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो हर्ष सिन्हा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए भविष्य के लक्ष्यों के विषय मे जानकारी दी। कार्यक्रम का सफल एवं सुव्यवस्थित संचालन डॉ आरती यादव ने तथा आगत अतिथियों का आभार ज्ञापन प्रो श्रीनिवास मणि त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में प्रो प्रदीप यादव, प्रो विनोद सिंह, , डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ विजय कुमार सहित सभी शिक्षक ,शोध अध्येता एवं विद्यार्थी , कर्मचारी उपस्थित रहे।