पौष्टिक आहार एवं आजीविका प्रदान करने के साथ-साथ पर्यावरण, सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण में डेयरी के महत्व

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गोरखपुर। संयुक्त राष्ट्र संघ के कृषि एवं खाद्य संगठन के आवाहन पर पूरे विश्व में हर वर्ष 1 जून को विश्व योग दिवस का आयोजन किया जाता है इसी क्रम में 1 जून 2023 को सेंट्रल एनिमल ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट से सभागार में पौष्टिक आहार एवं आजीविका प्रदान करने के साथ-साथ पर्यावरण सामाजिक एवं आर्थिक सशक्तिकरण में डेरी के महत्व पर केंद्रीय सेमिनार का आयोजन किया कर विश्व जल दिवस का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पशुधन विकास परिषद के मुख्य अधिकारी डॉ नीरज गुप्ता, संयुक्त राष्ट्र संघ के कृषि एवं खाद्य संगठन के वैज्ञानिक डॉ आरसी चौधरी, उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद की पूर्व प्रबंधक डॉ वीके सिंह, पशुपालन विभाग के पूर्व निदेशक दिवेदी, पूर्व मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ भोला श्रीवास्तव, एनिमल ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ संजीव श्रीवास्तव तथा फैकल्टी सदस्य दीपक श्रीवास्तव तथा गौ सेवक अरुण वर्मा बैरागी मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद की प्रभारी प्रशिक्षण एवं प्रसार डॉ वीनू पांडे तथा सभी संबंधित जनपदों के पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में जुड़े।

सेंट्रल एनिमल ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ संजीव श्रीवास्तव ने समस्त मैत्री प्रशिक्षार्थियों को विश्व दुग्ध दिवस की शुभकामनाएं दी तथा बताया कि दूध का उत्पादन बढ़ाने, प्रति पशु दूध की उत्पादकता बढ़ाने एवं पशुपालन के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने उद्देश्य भारत सरकार ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना संचालित की है। वहीं, प्रदेश में सरकार की मंशा के अनुरूप राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना का क्रियान्वयन उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के माध्यम से हो रहा है। पशुपालकों के पर कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के माध्यम से संचालित भारत सरकार की राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत 2022-23 मल्टी परपज आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन टेक्नीशियन प्रशिक्षण पशुपालन डेयरी एवं मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अभिप्रमाणित कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन प्रशिक्षण संस्थान सेंट्रल एनिमल ब्रीडिंग इंस्टीट्यूट गोरखपुर उत्तर प्रदेश में संचालित हो रहा है।

उक्त क्रम में वर्ष 2022-23 के मैत्री प्रशिक्षण के अब तक जनपद अयोध्या, अंबेडकर नगर, कानपुर नगर, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, वाराणसी, कानपुर देहात, महाराजगंज, रायबरेली, फतेहपुर, हरदोई, गोरखपुर, देवरिया, श्रावस्ती, बहराइच, बदायूं, मिर्जापुर, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, चंदौली तथा जालौन के 250 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया। डॉ संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि संस्था द्वारा प्रशिक्षित मैत्री जहां अपना स्वयं का रोजगार प्राप्त करेंगे वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के 25 जनपदों के लगभग 5000 से अधिक गांव में अपनी सेवा प्रदान करेंगे और पशुधन विकास में योगदान करेंगे।

कार्यकारी अधिकारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ नीरज गुप्ता ने समस्त प्रशिक्षणार्थियों को विश्व दुग्ध दिवस की शुभकामनाएं दी तथा बताया कि सरकार की मंशा के अनुरूप दूध का उत्पादन बढ़ाने एवं पशुपालन के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद द्वारा जहां एक तरफ चार करोड़ की लागत वाले 200 दुधारू पशुओं के फॉर्म की स्थापना के लिए 50% सरकारी अनुदान की व्यवस्था की गई है। वहीं दूसरी तरफ कृत्रिम गर्भाधान का आच्छादन बढ़ाने एवं पशुपालकों को उनके द्वार पर कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध कराने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक मैत्री को लगभग 20 गांव आवंटित किए जा रहे हैं।

मैत्री द्वारा अपने कार्य क्षेत्र में पशुओं को उनके द्वार पर कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी तथा किए गए कार्य यथा कृत्रिम गर्भाधान, गर्भ परीक्षण उत्पन्न संतति के रिकॉर्ड को इनफॉरमेशन नेटवर्क फॉर एनिमल प्रोडक्टिविटी एंड हेल्थ पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। मैत्री द्वारा किए गए कार्य तथा प्रत्येक कृत्रिम गर्भाधान के लिए 50 रुपये, सफल गर्भधारण पर 200 रुपये तथा संतति रिकॉर्डिंग पर 100 रुपये का मानदेय का सीधे उनके बैंक खाते में उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद द्वारा भेजा जाएगा। डॉ नीरज गुप्ता ने बताया कि सीएम के आदेशानुसार प्रदेश के समस्त जनपदों में मात्र 100 रुपये की लेवी शुल्क सार्टेड वीर्य से कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा दिनांक 10-05- 2023 से शुरू की गई है।  इस वीर्य के उपयोग से 90% माता संतान उत्पन्न होगी, जिससे जहां एक तरफ बछड़ों की समस्या से छुटकारा मिलेगा वहीं दूसरी तरफ दुग्ध में बढ़ावा मिलेगा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संयुक्त राष्ट्र संघ के कृषि एवं खाद्य संगठन के वैज्ञानिक डॉ आरसी चौधरी ने बताया कि समाज में पशुधन के महत्व एवं मानव स्वास्थ्य का दृष्टिगत रखते हुए हर वर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस का आयोजन किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि पशुधन के माध्यम से अजीवका अर्जित करने तथा जैविक कृषि को अपनाने पर जोर दिया। उत्तर प्रदेश पशुपालन विकास परिषद के पूर्व जनरल प्रबंधक एवं संस्था के संकाय सदस्य डॉ बीके सिंह ने समस्त मैत्री को कृत्रिम गर्भाधान द्वारा भारतीय गोवंश को संरक्षित करने हेतु संकल्पित रहने को कहा तथा पशुपालन विभाग की योजनाओं के विषय में भी बताया जिनके माध्यम से मैत्री स्वरोजगार अर्जित कर सकते हैं। पशुपालन विभाग के पूर्व निदेशक डॉ जीसी दिवेदी ने कहा कि मानव स्वास्थ्य के लिए दूध एक महत्वपूर्ण आहार है तथा साथ ही स्वस्थ दूध उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया।

कार्यक्रम का संचालन पूर्व संयुक्त निदेशक योग संस्था के संकाय सदस्य डॉ पीके चौरसिया ने किया डॉ पीके चौरसिया ने बताया कि वर्तमान समय में सरकार द्वारा पशुपालन के माध्यम से किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एनिमल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड नेशनल लाइव स्टॉक मिशन तथा राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत 25 से 50% तक अनुदान प्रदान किया जा रहा है।

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