एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर, 28 अक्टूबर। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में शनिवार की देर शाम तक चली। बैठक के दौरान जिले में संचारी रोगों की स्थिति और डेंगू नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा के साथ साथ नवम्बर में प्रस्तावित डीटीपी टीडी माह के बारे में खासतौर से चर्चा हुई। मुख्य विकास अधिकारी ने स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि आपसी समन्वय के साथ शत फीसदी बच्चों और किशोरों का टीकाकरण सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश के निर्देशन में एक से दस नवम्बर तक जिले में स्कूल आधारित टीकाकरण कार्यक्रम चलना है। इसके तहत बुधवार और शनिवार के अतिरिक्त कार्यदिवसों पर राजकीय और निजी स्कूलों में टीकाकरण सत्र आयोजित किये जाएंगे। कक्षा एक में पढ़ने वाले पांच वर्ष के बच्चों को डीपीटी टू बूस्टर डोज, कक्षा पांच में पढ़ने वाले दस वर्ष के विद्यार्थियों को टीडी दस और कक्षा दस में पढ़ने वाले सोलह वर्ष तक के किशोर किशोरियों को टीडी सोलह वैक्सीन लगाई जाएगी। अभियान के दौरान बुधवार और शनिवार के नियमित टीकाकरण दिवसों पर स्कूल न जाने वाले उन बच्चों व किशोर किशोरियों को भी यह टीके लगाए जाएंगे जो किसी कारणवश इनसे वंचित हैं।
सीएमओ ने बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों में डिप्थीरिया बीमारी के मामले प्रकाश में आने के कारण शासन द्वारा पूरे प्रदेश में यह पहल की गयी है। अभियान से पहले संबंधित स्कूलों के शिक्षकगण, अभिभावक बैठक और स्कूल डायरी के जरिये अभिभावकों से टीकाकरण के लिए सहमति लेंगे। जो अभिभावक सहमति नहीं देंगे उन्हें प्रेरित कर उनके बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। लोगों को यह संदेश अवश्य दें कि टीकाकरण के बाद कुछ बच्चों में बुखार और इंजेक्शन वाली जगह पर लालिमा या सूजन की दिक्कत हो सकती है। यह सामान्य प्रतिक्रिया है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसा होने पर एएनएम से सलाह लेना है।
बैठक के दौरान डेंगू की रोकथाम और प्रबन्धन के लिए प्रयास जारी रखने का सभी संबंधित को निर्देश दिया गया और दस्तक पखवाड़े की समीक्षा की गयी। जन जन तक यह संदेश पहुंचाने को कहा गया कि बुखार के रोगी 108 एम्बुलेंस की सहायता से सरकारी अस्पताल पहुंच कर ही इलाज कराएं। सरकारी अस्पतालों में डेंगू जांच और इलाज की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है। इस मौके पर मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, परिवार नियोजन कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण कार्यक्रम, राष्ट्रीयकृत कार्यक्रमों और आयुष्मान भारत योजना की विस्तृत समीक्षा भी की गयी।
सहयोगी संस्था डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और सीफार ने भी बैठक में अपना फीडबैक प्रस्तुत किया। संचालन मंडलीय कार्यक्रम प्रबंधक अरविंद पांडेय ने किया। इस मौके पर जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार,जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अम्बुज, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डॉ नंदलाल कुशवाहा, डॉ गणेश यादव, डीसीएमओ डॉ अश्वनी चौरसिया, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुन्जय पांडेय, डीडीएम पवन गुप्ता, डैम पवन कुमार, जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से विजय श्रीवास्तव, आदिल फखर, चाई, जपाइगो, पाथ और यूएनडीपी संस्था के प्रतिनिधि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।