- अंग्रेज़ी विभाग में शोध पत्र प्रकाशन पर आयोजित हुआ विशेष व्याख्यान
एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के अंग्रेजी विभाग में रिसर्च स्कॉलर्स के लिए शोध पत्र के प्रकाशन के लिए व्याख्यान का आयोजन सोमवार को अपराह्न 2 बजे से किया गया।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के अंग्रेजी विभाग के डॉ मनीष गौरव ने कहा कि शोधार्थियों को शोध पत्र प्रकाशन में 5 “पी”पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसमे प्लानिंग, ( योजना) प्रोसेस ( प्रक्रिया), पैशन ( जुनून) , पेशेंस, ( धीरज ) एवं अंततः पब्लिकेशन ( प्रकाशन )शामिल हैं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में साहित्य के क्षेत्र में शोध की परिकल्पना में हुए बदलाव पर भी ध्यान आकर्षित कराया। डॉ मनीष ने शोधर्थियों को ग्लोकल स्टडीज पर फोकस करने का सुझाव दिया एवं भारतीय ज्ञान परंपरा से जुड़े हुए विषयों पर अधिक से अधिक शोध पत्र प्रकाशन की आवश्यकता जताई। आगे उन्होंने कहा कि गुणवत्ता परक शोध पत्र प्रकाशन में समय लगता है किंतु एक सही शोधपत्र ही अध्ययन को सही दिशा देने में सक्षम होता है, यह आज के शोधार्थी को समझना होगा। डॉ मनीष ने यूजीसी केयर लिस्ट, स्कोपस आई.सी.पी.आर, आई.सी.एस.एस.आर इत्यादि शोध को वित्तीय एवं अकादमिक सहायता देने वाले संस्थानों की भी चर्चा की। अंत मे उन्होंने “से नो टू प्लेजीरिजम ” का स्लोगन दिया।
विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ला ने मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए कहा कि यह गर्व की बात है कि डॉ मनीष हमारे पुरातन छात्र हैं . उन्होंने बताया यह कार्यक्रम विभाग के शोधार्थियों के लिए आयोजित किया गया था, जिसमे शोध पत्र कैसे लिखें तथा उनका प्रकाशन कैसे करें इस बारे में जानकारी दी गई। इसमें यूजीसी केयर लिस्टेड जर्नल्स , पियर रिव्यूड, स्कोपस , इंपैक्ट फैक्टर जैसी बातों को भी समझाया गया। इस कार्यक्रम में शोधार्थियों के साथ–साथ एम.ए के विद्यार्थियों ने भी प्रतिभाग किया। प्रो शुक्ला ने बताया कि कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन का मानना है कि विभाग में शोध की गतिविधियाँ लगातार होती रहें , इसी क्रम में इस व्याख्यान का आयोजन किया गया था . आगे भी इस प्रकार की गतिविधियों का आयोजन होता रहेगा जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास होने के साथ साथ अकादमिक उत्कृष्टता बनी रहे ।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर कल्पना दिवाकर तथा डॉक्टर पंकज सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो आलोक कुमार , डॉ आमोद राय, डॉ बृजेश कुमार उपस्थित रहे ।