एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। 16 दिसंबर को दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग के तत्वाधान में सुबह 10 बजे विभागीय सेमिनार हॉल में विजय दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. विनोद कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में 1971 के युद्ध में भारतीय सेना के वीरों की वीरता को याद करते हुए कहा कि 16 दिसंबर 1971 को 93000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के समक्ष आत्मसमर्पण किया जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी देश की सेना द्वारा इतने कम समय में किया गया आत्मसमर्पण है। यह घटना भारतीय वीरों की वीरता को दर्शाता है।
हम प्रतिवर्ष इस गौरव गाथा को याद करते हैं और देश के लिए बलिदान हुए वीरों को अपनी श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं। उद्बोधन के अगले चरण में प्रो. श्रीनिवास मणि त्रिपाठी ने कहा कि 1971 के युद्ध में भारतीय सेना के वीरों ने अपनी बहादुरी के बल पर एक नए देश का सृजन किया जिसे हम बांग्लादेश के नाम से जानते हैं। भारतीय वीरों की यह वीरता अनंत काल तक याद रखी जायेगी। उद्बोधन के अगले क्रम में प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने 1971 के युद्ध में मिली विजय को याद करते हुए कहा कि इस युद्ध में भारतीय सेना के जवानों की बहादुरी हमारी युवा पीढ़ी को सदैव प्रेरणा देती रहेगी।
इसी क्रम में प्रो. प्रदीप कुमार यादव ने कहा कि 1971 में मिली विजय भारतीय सेना के जवानों के सर्वोच्च बलिदान का परिणाम है जिसे हम प्रतिवर्ष याद करते हैं और अपने जवानों को सलाम करते हैं। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन डॉ. प्रवीण कुमार सिंह ने किया और संचालन डॉ. अभिषेक सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ. जितेंद्र कुमार, डॉ. आरती यादव, डॉ. विजय कुमार, शोध छात्र छात्राएं एवं स्नातकोत्तर के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।