वैसे तो ट्यूमर को आमतौर पर कैंसर से जोड़कर देखा जाता है । हालांकि हर ट्यूमर कैंसर के लिए जिम्मेदार नहीं होता, फिर भी यह बहुत घातक होता है। ब्रेन ट्यूमर बहुत ही खतरनाक बीमारी है जो सिर्फ मस्तिष्क को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि इसका असर पूरे शरीर पर होता है, क्योंकि मस्तिष्क ही पूरे शरीर को संचालित करती है। समय रहते इसके लक्षणों की पहचान कर इलाज करना बहुत ज़रूरी है।
मस्तिष्क में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने पर जो गांठ बन जाती है उसे ही “ब्रेन ट्यूमर ” कहते हैं। इसमें मस्तिष्क के खास हिस्से में कोशिकाओं का गुच्छा बन जाता है। यह कई बार कैंसर की गांठ में तब्दील हो जाता है, इसलिए ब्रेन ट्यूमर को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
कारण
ब्रेन ट्यूमर के असली कारण का ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ कारण इसके लिए जिम्मेदार माने जाते हैं जैसे- गलत जीवनशैली, खाने-पीने की चीज़ों में मिला केमिकल और प्रदूषण, अनुवांशिक कारण या फिर किसी बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने रेडियएशन के कारण भी ब्रेन ट्यूमर हो सकता है।
लक्षण
- यदि ऐसे लक्षण दिखे तो इसे नज़रअंदाज़ करने की भूल कतई न करें, क्योंकि यह ब्रेन ट्यूमर का संकेत देते हैं-
- सुबह उठने पर अक्सर उल्टी होना, खासतौर पर एक जगह से दूसरी जगह जाने पर।
- सिर में बराबर दर्द बना रहना ब्रेन ट्यूमर का सबसे बड़ा संकेत है। अक्सर मरीज़ों को सुबह सिर में तेज दर्द की शिकायत होती है, जिसे कई बार लोग माइग्रेन समझ लेते हैं। ऐसे दर्द की अनदेखी नहीं करनी चाहिए।
- यदि सैरिब्रम में ट्यूमर है तो शरीर का बैलेंस बनाए रखने में मुश्किल आती है।
- मस्तिष्क के पराइटल लोब में ट्यूमर होने पर पीड़ित रोज़मर्रा के काम करने में भी दिक्कत होती है।
- ब्रेन ट्यूमर होने पर पीड़ित/ पीड़िता को मिर्गी की तरह ही दौरे पड़ते हैं और वह बार-बार बेहोश हो जाता) जाती है।
- यदि बोलने की क्षमता प्रभावित होने लगे, याददाशत कम होने लगे या आंखों की रोशनी कम होने लगे तो यह ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
- चेहरे के कुछ हिस्से में कमजोरी महसूस होना और अचानक वजन बढ़ना भी ब्रेन ट्यूमर का संकेत हो सकता है।
बचाव
- इसके लक्षण दिखते ही तुरंत बचाव के उपाय किए जाने चाहिए-
- विटामिन-सी से भरपूर चीज़ें खाएं, क्योंकि यह ब्रेन कैंसर के मरीजों के ट्यूमर को तेजी से खत्म करने में मदद करता है।
ब्रेन ट्यूमर से पूरी तरह से बचने के लिये केमिकल युक्त और मिलावटी खाने से बचने की कोशिश करना बहुत ज़रूरी है। - नींद पूरी करें, क्योंकि नर्वस सिस्टम के ठीक से काम करने के लिए भरपूर नींद ज़रूरी है।
- अपने भोजन में विटामिन्स और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर चीज़ें शामिल कर। विटामिन-सी, विटामिन-के और विटामिन-ई से भरपूर चीज़ें ज़रूर खाएं।
- पैक्ड और जंकफूड से पूरी तरह दूर रहें और खूब पानी पीएं।
हम्योपैथिक चिकित्सा
होम्योपैथिक दवाओं को प्राकृतिक तत्वों से बनाया जाता है और उन्हें बहुत अधिक घोला जाता है, जिससे इन दवाओं के वास्तविक तत्व बहुत कम रह जाते हैं। इसके बाद व्यक्ति के स्वास्थ्य और लक्ष्णों को ध्यान में रखते हुए ये दवाएं उसे बहुत ही कम मात्रा में दी जाती हैं। इसी कारण, होम्योपैथिक दवाएं बहुत सुरक्षित होती हैं और इनके दुष्प्रभाव भी नहीं होते। दुष्प्रभाव न होने के बावजूद भी इन दवाओं को बिना चिकित्सक की सलाह के नहीं लेना चाहिए।
ब्रेन ट्यूमर के लिए उपयोग की जाने वाली होम्योपैथिक दवाओं का असरदार प्रभाव देखा गया है। होम्योपैथी ऐसा उपचार है, जिससे व्यक्ति का प्राकृतिक और सुरक्षित तरीके से कम से कम दुष्प्रभावों के साथ इलाज किया जाता है। इससे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है और बीमारियों के लक्षणों से निपटने के लिए शरीर की ताकत में भी वृद्धि होती है। होम्योपैथीं से ट्यूमर को बढ़ने से रोका जा सकता है और इनके लगातार सेवन से ट्यूमर बनने की संभावना को कम किया जा सकता है।
खान-पान और जीवनशैली में बदलाव
होम्योपैथिक उपचार के साथ कुछ और बातों का भी ध्यान रखने की आवश्यकता होती है, जिनके बारे में नीचे दिया गया है:-
1. क्या करें
पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखें, रोगी के आस-पास की जगह को अच्छे से साफ रखें। स्वस्थ जीवनशैली के साथ स्वस्थ व पौष्टिक आहार दे और नियमित रूप से थोड़ा योग व्यायाम करने के लिए प्रेरित करें। आरामदायक कपडे पहनें, जिससे शरीर को हवा मिलती रहे। किसी भी प्रकार के तनाव से अपने आप को दूर रखें। हल्के गुनगुने गर्म पानी से ही स्नान करें।
2. क्या न करें
सुस्ती भरी जीवनशैली न अपनाएं।।होम्योपैथिक उपचार लेते समय अधिक मात्रा में चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थ न लें।इनसे दवाओं के असर पर बुरा पड़ सकता है।शराब बिलकुल न पिएं।