एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रीपीएचडी सत्र 2019-20 और 2020-21 के लिए पंजीकरण कराने वाले शोधार्थियों के सिनोप्सिस के अनुमोदन की प्रक्रिया जारी रही। बृहस्पतिवार को कामर्स/एमबीए, हिंदी/संस्कृत/ फिलोसफी, अंग्रेजी, भूगोल और मनोविज्ञान के शोधार्थियों के प्री-पीएचडी अनुमोदन की प्रक्रिया बाहरी परीक्षकों की मौजूदगी में संपन्न हुई। पहली बार ऐसा हो संभव हो रहा है कि जब बाहरी परीक्षकों की मौजूदगी में विभागीय शोध समिति के सदस्यों के सामने सिनोप्सिस के अनुमोदन की प्रक्रिया संपन्न हो रही है।
20 अगस्त तक विभिन्न विभागों के सिनोप्सिस अनुमोदन की प्रक्रिया जारी रहेगी। बैठक की समस्त प्रक्रिया संकायाध्यक्षों की अध्यक्षता में संपन्न होगी। बता दें, कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से ऑनलाइन पीएचडी पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। प्रीपीएचडी परीक्षा को 845 अभ्यर्थियों ने उर्त्तीण किया था। जबकि, छह अगस्त को समाप्त हुई पीएचडी पंजीकरण प्रक्रिया के अंतर्गत 824 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है। इनमें सत्र 2019-20 में उर्त्तीण 693 अभ्यर्थियों में से 681 तो वर्ष 2020-21 में कुल पंजीकृत 152 अभ्यर्थियों में से 143 ने अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है। सिनोप्सिस के अनुमोदन की प्रक्रिया उन्हीं शोधार्थियों की पूरी कराई जा रही है। जिन्होंने अपने सिनोप्सिस के प्रस्ताव का प्लेगरिज्म परीक्षण कराकर डीआरसी में जमा किया है।