- इन्डो यूरोपियन चेंबर ऑफ स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज कामधेनु चेयर के साथ एमओयू साइन हुआ
एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। इन्डो यूरोपियन चेंबर ऑफ स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज कामधेनु चेयर एवं राम गुलाम राय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय, गोरखपुर के बीच एम० ओ० यू० हस्ताक्षरित हुआ। उक्त संस्था प्रादेशिक नोडल केंद्र महायोगी गुरु गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर एवं प्रबंधकीय साझीदार आई.टी.एम. ,गीडा, गोरखपुर से संबद्ध है। इस संस्था से एम. ओ. यू . के माध्यम से उक्त समस्त संस्थान परस्पर सहयोग एवं साझीदारी द्वारा खोराबार विकास क्षेत्र में युवकों एवं युवतियों के साथ ग्राम पंचायत स्तर पर उनके कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बना कर स्वरोजगार के प्रति समर्पण एवं सरोकार की भावना का विकास हो। इसके लिए समर्पित हों।जिसके फलस्वरुप गांवों का यह देश भारतवर्ष और अपना उत्तर प्रदेश विशेष कर पूर्वांचल का यह क्षेत्र विकास की मुख्यधारा में सम्मिलित हो सकेगा, जो केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था का सपना साकार करने में मददगार सिद्ध होगा।
यह विचार महाविद्यालय में एम.ओ.यू
हस्ताक्षर कार्यक्रम के अवसर पर उपस्थित प्रशिक्षुओं एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए इंडो-यूरोपियन स्माल मीडियम इंटरप्राइजेज कामधेनु चेयर के प्रबंध निदेशक विजय तिवारी ने प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए। शिक्षा के द्वारा हमें क्या करना है क्यों करना है इस पर भारतीय सन्दर्भ में चिंतन आवश्यक है। नकारात्मक भाव का त्याग कर शिक्षण कार्य पूरी तन्मयता के साथ संपन्न होना चाहिए जो एक ऐसे शिक्षक का निर्माण करें जिसके द्वारा भारतीय सनातन मूल्य और भारतीय मेधा का प्रस्फुटन संपूर्ण विश्व में हो सके। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित इंडो यूरोपीयन चेंबर ऑफ स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज कामधेनु चेयर की महासचिव लक्ष्मी ठाकुर सिंघल ने कहा कि हमें गांवों की महत्ता को समझने की आवश्यकता है।
हम किसी के नौकर ना बने, हम स्वरोजगार के माध्यम से अन्य लोगों को रोजगार देने में सक्षम हों इसके लिए हमें स्वावलंबी बनने की आवश्यकता है। इसके लिए हम विभिन्न प्रकार की सोशल साइट यूट्यूब फेसबुक ट्विटर आदि पर अपनी प्रतिभा को दिखा सकते हैं। हमें ग्लोबल कनेक्टिविटी के माध्यम से सभी वर्गों से जुड़े निरंतर उद्यमिता को बढ़ाने की आवश्यकता है। हम सभी के पास विशेष प्रतिभा है, आवश्यकता है तो उसे पहचान कर स्वयं में निखार लाने की । एक शिक्षक इस कार्य को सर्वाधिक सुव्यवस्थित ढंग से चरितार्थ कर सकता है। भारत से प्रेरणा प्राप्त कर वर्तमान में 140 देश योग एवं आयुष पर निरंतर चिंतन मनन करते हुए इसे आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं।
उक्त अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित मनोज कुमार सिंह सचिव आईइसीएस एम ने कार्यक्रम के लक्ष्य को निर्धारित करते हुए स्लाइड शो के माध्यम से संपूर्ण योजनाओं पर प्रकाश डाला। संस्था के वैश्विक परिदृश्य एवं कार्य के संबंध में बताया। कहा कि संस्था का यूरोपियन देशों , अमेरिका के विश्वविद्यालयों , इजराइल एवं जापान के साथ निरंतर बढ़ते सहयोग को भारतीय संदर्भ में नए मॉडल के साथ गांवों के विकास के लिए समर्पित गतिविधियों को आगे बढ़ाकर रोजगार सृजन के नए प्रकल्प तैयार होंगे। उन्होंने आयुष के क्षेत्र में संस्था द्वारा किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों को भी रेखांकित किया।
समझौता पत्र की आवश्यकता एवं योजना को स्पष्ट करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विनय कुमार मिश्र ने कहा कि भारत के गावों को समृद्ध किए बिना हम इस देश को विश्व में महत्वपूर्ण स्थान नहीं दिला सकते।यदि हमें इस दिशा में आगे बढ़ना है तो संस्था के निर्धारित लक्ष्यों के आधार पर योजनाओं के क्रियान्वयन से हम ग्रामीण भारत के विकास का सूत्रपात कर सकते हैं। इसके जरिए हम समस्त कुटीर ,लघु एवं अति लघु उद्योग क्षेत्र में स्थापित किए जाने वाले प्रकल्प के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में उत्तम रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं। इससे युवाओं में बढ़ते भटकाव, निराशा नशाखोरी एवं पलायनवादी प्रवृत्ति से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा।
आयोजन का शुभारंभ आगत अतिथि गण द्वारा मां सरस्वती, भारत माता एवं राम गुलाम राय जी के चित्र पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। आभार ज्ञापन महाविद्यालय की प्रवक्ता डॉ प्रियंका राय द्वारा किया गया। उक्त अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक धर्मेंद्र कुमार, अतुल पाल सिंह, पीयूष राय,रेनू सिंह, कीर्ति दुबे, मंजुला राय व प्रशिक्षुओं सहित सभी कर्मचारीगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक संजय कुमार गुप्ता ने किया।