सन् 2023 आने वाला है।ऐसे में हम सभी जानना चाहेंगे कि यह नया वर्ष कैसा रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नूतन वर्ष की जो रुपरेखा बन रहा है,उसने विवेचन करने का प्रयास कर रहा हूं।सन् 2023 में चार महत्वपूर्ण और दीर्घ समय तक जातकों के राशियों पर संचार करनेवाले ग्रहों का राशि परिवर्तन का योग बन रहा है।ऐसे में यह सुनिश्चित हे कि व्यक्तियों के क्रियाकलापों और देश विदेशों के जन जीवन पर इसका प्रभाव परिलक्षित होगा। सन् 2023 में 17 जनवरी को शनि मकर राशि का परित्याग कर कुंभ राशि में संचार करने लगेंगे,22 अप्रैल को बृहस्पति मीन राशि से मेष राशि में और30 अक्टूबर को राहु तथा केतु, मेष तथा तुला मेष राशि क्रमशः मीन और कन्या राशि में संचार करेंगे। शनि बृहस्पति,राहु और केतु ये चारों ग्रह लम्बे समय तक एक राशि पर संचरण करते हैं। सबसे अधिक समय तक शनि एक राशि पर रहते हैं। यह लगभग ढाई साल तक एक ही राशि पर संचरण करते रहते हैं। राहु और केतु लगभग डेढ़ वर्ष तथा बृहस्पति एक साल तक एक ही राशि पर संचार करते रहते हैं।
अगले वर्ष का फल कथन मेदनी संहिता से देखा जाता है। उसमें राशियों और नक्षत्रों के आधार पर भविष्य फलकथन किया जाता है। इस वर्ष नया वर्ष 2023 रविवार को अश्विनी नक्षत्र में प्रारंभ हो रहा है। वर्ष के प्रारंभ में शनि मकर राशि में चलित रहेंगे। नववर्ष के प्रथम दिन चन्द्रमा मेष राशि में, बृहस्पति मीन राशि में मार्गी और मार्गी बुध अस्त रहेंगे। वर्ष 2023 में शनि, बृहस्पति, राहु और केतु अपनी- अपनी राशियों का परिवर्तन कर रहें हैं। ग्रह नक्षत्र के अनुसार विश्व में यूरोप, पश्चिम के देश और भारत के दक्षिण में परेशानियों का योग बनेगा। प्राकृतिक आकस्मिक घटना और आपदा का योग बन रहा है। भारत में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और जनता के लिए रोजगार के साधनों में वृद्धि होगी हलांकि असंतोष भी कम न रहेगा। भारतवर्ष और दक्षिण एशिया में पूंजी निवेश के लिए पश्चिम के देश लालायित रहेंगे।नौकरी पेशा वालों के लिए आय मे वृद्धि का योग है। आतंकवादी घटनाओं में न्यूनताओं का योग रहेगा।शासकों का सम्मान बढ़ेगा।मेदिनी गणित और नक्षत्रों पर ग्रहों की स्थिति के मुताबिक पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में खुशीहाली आएगी।देश में वाहन दुर्घटना से मरने वालों की संख्या में वृद्धि का क्रम रहेगा। इससे धन जन की हानि का योग मिलेगा।
सन् 2023 में शनि कुंभ राशि में प्रवेश कर “शश” योग बना रहा है तथा काल पुरुष की कुण्डली में ग्यारहवें स्थान गत रहेगा, इसलिए लूटपाट,चोरी डकैती आदि कार्यो में कमी न होगा, लेकिन प्रशासन भी चुस्त दुरुस्त रहेगा और उनके उन्मूलन का भारी प्रयास किया जाएगा। भारत में पर्यावरण को नुक्सान पहुंचेगा। तापमान में वृद्धि से गर्मी ज्यादा ही होगी। महंगाई पर नियंत्रण करने में सरकारें असफल रहेंगी। वर्षा औसत होगी और शासक जनता पर अपना निर्णय लागू करने में सफल रहेंगे।यदि विकास की दर से आंकलन करें तो यह भारत के लिए अच्छा रहेगा, क्योंकि भारत के नाम राशि के लाभ स्थान पर बृहस्पति की दृष्टि हैं। लोगों की आय में वृद्धि होगी। प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी। व्यापार तथा औद्योगिक विकास में नये अवसर मिलेंगे। सितम्बर और अक्टूबर में विदेशी व्यापार में गिरावट के योग है। ब्याज दर में वृद्धि और पूंजी निवेश को अधिक बल मिलने का योग है। व्यापारी, लेखक, शिल्पियों और चिकित्सा जगत से सम्बद्ध लोगों को उन्नति के ज्यादा अवसर मिलेंगे और वे लाभान्वित होंगे। उद्योगपति ज्यादा मुनाफा कमाएंगे। भारतवर्ष की की नामाक्षर कुंडली में धर्म स्थान पर गुरु की दृष्टि के कारण दान की प्रवृत्ति बढ़ेगी।शिक्षा और शोध को प्राथमिकता दी जाएगी और धर्म को अधिक प्राथमिकता दिए जाने के योग बन रहें हैं।
शनि ग्रह 17 जनवरी को कुंभ राशि में जा रहे हैं।शनि के इस गोचर परिवर्तन से शश नामक महत्वपूर्ण योग बन रहा है।यह कई राशि वालो के लिए फायदेमंद और की राशि वालों की मुसीबत बढ़ा सकता है।शश योग पंच महापुरुष योगों में से एक है ।यह योग शनि ग्रह के कारण बनता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब लग्न कुंडली या चन्द्र कुण्डली में प्रथम, चतुर्थ, सप्तम और दशम घर में शनि स्वगृही या उच्च को होकर रहता है तो यह योग बनता है।शश योग के कारण चार राशि वाले जातकों को ज्यादा लाभ प्राप्त होगा और वे वर्ष पर्यंत सुख शांति पूर्वक रहेंगे।
17 जनवरी के बाद कर्क और वृश्चिक राशि वाले व्यक्ति शनि की ढैया के प्रभाव में आ जाएंगे तथा मीन राशि पर शनि अपना प्रभाव देना प्रारंभ कर देंगे।धनु राशि वाले शनि की साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएंगे।इस प्रकार अनेक उतार चढ़ाव का योग है।शनि 29 मार्च सन् 2025 तक कुंभ राशि में ही रहेंगे।इनके दुष्प्रभावों से बचाव के लिए अच्छे कर्म सा समपादन करना चाहिए।कहा जाता है कि निर्धनों की सहायता करने से शनि प्रसन्न हो जाते हैं। शनिवार के दिन भैरव स्त्रोत और सुविधि हनुमान जी की उपासना से भी शनि के दुष्प्रभाव से बचाव जा सकता है। शास्त्रों में अनेकानेक उपाय निर्धारित किए गए हैं।जो लोग शनि के दुष्प्रभाव से पीड़ित हों, उन्हें निर्धारित उपायों का सहारा लेना चाहिए।
मेष राशि में राहु अक्टूबर पर्यन्त विराजमान हैं।ऐसे में शनि एकादश भाव में गोचर कर रहे हैं। इसलिए शश योग के कारण इस राशि वालों को लाभ होगा।सन् 2023 में इस राशि वालों को भाग्य का साथ मिलेगा।आय के नये स्रोत खुलेंगे,साथ ही स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।इसी तरह वृषभ राशि वालों को शनि का गोचर दसवें रहेगा। वृषभ राशि का स्वागत शुक्र ग्रह है और शनि के साथ मित्रता है। इसलिए इस राशि वालों को प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलेगा। लम्बे समय से अटके कार्य पूरा होंगे। कन्या राशि के लिए गोचर में जड़ें गोचर कर रहा है, इसलिए शश योग का प्रभाव इस राशि के जातकों को अच्छा फल देगा। लंबित कार्य पूर्ण होंगे। परिवार के मध्य चला आ रहा विवाद सुलझेगा। कानूनी मामलों में सफलता प्राप्त होगा। मकर राशि में शनि का गोचर दूसरे चल रहा है। ऐसे लोगों के लिए शश योग लाभकारी होगा, क्योंकि इस राशि के स्वामी शनि हैं। नौकरी और व्यापार में सफलता मिलेगा। लंबे समय से चले आ रहे बिमारियों से छुटकारा मिलेगा। परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। इसी तरह कुंभ राशि के स्वामी शनि ही हैं।यह लग्न भाव में गोचर कर रहा है। अतः इस राशि के व्यक्तियों को लाभ प्राप्त होगा। इन्हें पार्टनरशिप में मुनाफा मिलेगा।