- ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल बहुत बड़ी उपलब्धि, पूरे देश में इसकी चर्चा: कुँवर बृजेश सिंह
- ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त कर विश्वविद्यालय ने देश में अपनी पहचान बनाई: कुलपति
एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र, 1985 बैच के आईपीएस ऑफिसर तथा ओड़िशा के पूर्व डीजीपी श्री कुंवर बृजेश सिंह को आज डिस्टिंग्विश्ड एलुमनाई अवार्ड से सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में आयोजित कार्यक्रम में कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने श्री कुँवर बृजेश सिंह को स्मृति चिन्ह, साइटेशन तथा शाल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर श्री कुंवर विजय सिंह के साथ उनकी पत्नी आभा सिंह, जो विश्वविद्यालय की पुरातन छात्र रही हैं, को मोमेंटो तथा शाल भेंट कर कुलपति ने सम्मानित किया। कुँवर बृजेश सिंह 30 अप्रैल से 2 मई, 2022 में आयोजित प्रथम राष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन में किसी कारणवश शामिल नही हो सके थे।
ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त कर विश्वविद्यालय ने देश में अपनी एक पहचान बनाई: कुलपति
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र श्री कुंवर विजय सिंह का स्वागत करते हुए कहा कि ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त करने के बाद विश्वविद्यालय ने पूरे देश में अपनी एक पहचान बनाई है। हमारी डिग्री भी देश के बड़े विश्वविद्यालयो जितनी ही प्रेस्टीजियस है। हमारे अंदर पोटेंशियल है। हमने कर दिखाया। उन्होंने सभी विभागों नई शिक्षा नीति के अंदर बीए, बीएससी, बीकॉम का 4 साल का पाठ्यक्रम बनाए।
कुलपति ने विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पहले राष्ट्रीय पुरातन छात्र सम्मेलन की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें विश्वविद्यालय से निकले बड़े राजनीतिज्ञ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सांसद जगदंबिका पाल, शिव प्रताप शुक्ला, कृपाशंकर सिंह सहित पांच इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज तथा सात कुलपति ने भाग लिया था।
ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल बहुत बड़ी उपलब्धि, पूरे देश में इसकी चर्चा: कुँवर बृजेश सिंह
इस अवसर पर कुंवर विजय सिंह ने कहा कि वह बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं उन्होंने कहा कि हमारा संबंध गोरखपुर गोरखपुर विश्वविद्यालय से बहुत पुराना है उन्होंने विश्वविद्यालय को नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल करने पर बधाई देते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है और इसकी पूरे देश में चर्चा है। उन्होंने विश्वविद्यालय में कुलपति के नेतृत्व में हुए बदलाव को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रोफेसर राजेश सिंह विश्वविद्यालय का कायाकल्प कर दिया है। यहां कैंपस में प्लेसमेंट हो रहा है, स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जा रहा है। नए विभाग खोले गए है। मैं आशा करता हूं कि कुलपति के नेतृत्व में गोरखपुर विश्वविद्यालय नई ऊंचाइयों को हासिल करेगा और इसमें एक पुरातन छात्र के रूप में जो भी सहयोग हो सकेगा हम करेंगे।
छात्र जीवन की स्मृतियों को साझा किया
पूर्व डीजीपी ने कहा कि जब उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था उस समय जो आंदोलन चल रहा था। उनके साथ के काफी छात्र-छात्राओं ने राजनीति में प्रवेश किया है। अपने छात्र जीवन की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि उस समय छात्र रहे शिव प्रताप शुक्ला, देवेंद्र सिंह, शीतल पांडे, राधेश्याम सिंह ने राजनीति में अपनी पहचान बनाई। योगी जी ने गोरखपुर का कायाकल्प कर दिया। श्री सिंह ने कहा कि श्री योगी आदित्यनाथ जब से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं गोरखपुर का कायाकल्प हो गया है। हालांकि योगी कभी विश्वविद्यालय के विद्यार्थी नहीं रहे फिर भी विश्वविद्यालय के विकास में वह लगे हुए हैं।
शैक्षणिक जीवन
कुँवर बृजेश सिंह ने अपनी शिक्षा दीक्षा गोरखपुर से ही हासिल की। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर, पक्कीबाग तथा राजकीय जुबली इंटर कॉलेज से की। उन्होंने बीएससी, एमएससी तथा पीएचडी विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय तथा वनस्पति विज्ञान विभाग से हासिल की। छात्र जीवन मे वो संत कबीर छात्रावास में रहे। 1985 में उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ।
माँ को किया याद
इस अवसर पर कुलपति ने अपनी माताजी को भी याद किया। यादों को साझा करते हुए कुलपति ने कहा कि नैक मूल्यांकन के पहले दिन उनकी माताजी ने कहा था जितनी तुम उम्मीद कर रहे हो उससे ज्यादा अच्छा ग्रेड आएगा। आज वो नहीं है लेकिन उनका आशीर्वाद हमारे साथ है। कुलपति की माता जी का देहावसान 29 जनवरी को होने के बाद आज उनका पहला औपचारिक कार्यक्रम था।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे प्रो अजय सिंह ने कुंवर बृजेश सिंह के साथ विश्वविद्यालय के छात्रावास जीवन की स्मृतियों को साझा किया। कुंवर बृजेश सिंह के सम्मान में लिखित साइटेशन का वाचन अधिष्ठाता कला संकाय प्रोफेसर नंदिता सिंह ने किया। एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रो एस के सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में सभी अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण तथा कुलसचिव, वित्त अधिकारी मौजूद रहे।