शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से चलेगा नया प्रोग्राम: कुलपति
एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टंडन ने चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (3+1) विकसित करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है। यह पहल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा हाल ही में प्रस्तावित ढांचे के अनुरूप है। कुलपति ने कहा कि इस नए स्नातक प्रोग्राम के अंतर्गत विविध प्रकार के पाठ्यक्रमों को ऑफर किया जाएगा, छात्रों के समग्र विकास पर जोर दिया जाएगा तथा इसमें भारतीय ज्ञान परंपरा को शामिल किया जाएगा। इससे उच्च शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव आयेगा। इस प्रोग्राम में मेजर, माइनर, को-करिकुलर तथा वोकेशनल कोर्सेज शामिल होंगे जो छात्रों को संपूर्ण शिक्षा और आवश्यक कौशल प्रदान करेंगे।
व्यावहारिक अनुभव पर फोकस
इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषताओं में से एक इसका व्यावहारिक अनुभव पर ध्यान केंद्रित करना होगा। छात्रों को अपनी शिक्षा के अभिन्न घटकों के रूप में इंटर्नशिप और रिसर्च प्रोजेक्ट में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
एंट्री एवं एग्जिट के विकल्प
यूजीसी के प्रस्ताव के अनुसार नए स्नातक कार्यक्रम में कई प्रवेश और निकास के विकल्प भी शामिल होंगे, जिससे छात्रों को पहले वर्ष के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे वर्ष के बाद यूजी डिप्लोमा, तीसरे वर्ष के बाद स्नातक की डिग्री और चार साल के बाद शोध के साथ होनर्स स्नातक की डिग्री हासिल करने की अनुमति मिलेगी।
प्रतिस्पर्धी बाजार में रोजगार क्षमता बढ़ाने पर जोर
कुलपति ने कहा की यह नवोन्मेषी चार-वर्षीय स्नातक कार्यक्रम शैक्षणिक लचीलापन प्रदान करेगा, जिससे विद्यार्थी बहु-विषयक पाठ्यक्रमों को समझे तथा पढ़े। प्रतिस्पर्धी नौकरी बाजार में रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए इस पाठ्यक्रम में कौशल विकास पर जोर दिया जाएगा। इसके साथ ही गोरखपुर विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की आकांक्षाओं को पहचानता है और उनको पूरा करने की दिशा मे कार्य कर रहा है। चार साल की ऑनर्स डिग्री और शोध में 75% से अधिक अंक वाले स्नातक स्नातकोत्तर डिग्री की आवश्यकता के बिना सीधे पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। आज के शैक्षिक परिदृश्य में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के मूल्य को विश्वविद्यालय ने पहचाना है। इसीलिए नए स्नातक प्रोग्राम के छात्रों को अपने पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में ऑनलाइन पाठ्यक्रमों से क्रेडिट अर्जित करने का अवसर मिलेगा।
विशेष समिति कर रही कार्य
इस पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए गठित विशेष समिति के संयोजक प्रो. हर्ष सिन्हा को बनाया गया है तथा प्रो. संदीप कुमार, प्रो. गौर हरि बेहरा, प्रो. प्रत्यूष दुबे, प्रो. राजर्षि गौड़ और प्रो. विजय कुमार इसके सदस्य है। भारत में 150 से अधिक विश्वविद्यालय पहले ही चार-वर्षीय स्नातक कार्यक्रमों को अपना चुके हैं। गोरखपुर विश्वविद्यालय उनके रैंक में शामिल होने के लिए उत्साहित है। यह कार्यक्रम शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से छात्रों के लिए उपलब्ध होगा, जो उन्हें एक अद्वितीय और समृद्ध शैक्षणिक अनुभव प्रदान करेगा। कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने कहा, “यह चार साल का स्नातक कार्यक्रम शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। हम अपने छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के लिए समर्पित हैं।”