Eternal tone: ego of austerity
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शाश्वत स्वर
शाश्वत स्वर : तप का अहंकार
एक बौद्ध भिक्षु को अपनी तपसाधना पर अहंकार हो गया। वे चारो ओर घूम घूम कर अपना प्रचार करने लगे। उन्हें बौद्ध धर्म के प्रचार से कोई मतलब नहीं रह गया। वे जिस नगर में भिक्षा के लिए निकलते वहां अपने ज्ञान का अहंकार बघारते। विनम्र होकर भिक्षा के लिए किसी गृहस्थ के दरवाजे खड़ा […]
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