लेखपाल बना आईएएस

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  • 8 बहनों के इकलौते और सबसे छोटे भाई हैं केदार शुक्ल

एनआईआई ब्यूरो, गोरखपुर। गोरखपुर निवासी केदार शुक्ल ने लेखपाल पद पर कार्य करते हुए आई ए एस की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर पूरे क्षेत्र का मान बढ़ाया है। आठ बहनों के सबसे छोटे श्री शुक्ल बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता किसान हैं। उनकी सफलता ने यह सिद्ध कर दिया है की अगर कड़ा परिश्रम और लगन हो तो बड़ा से बड़ा लक्ष्य भी बौना हो जाता है। गोरखपुर सदर तहसील में तैनात 2016 बैच के लेखपाल केदारनाथ शुक्ला ने नवोदय विद्यालय पीपीगंज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद इग्नू से बी ए कर 2016 में लेखपाल की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्हे गोरखपुर सदर तहसील में तैनाती मिली। सदर तहसील में अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए देश की सेवा करने की इच्छा रखते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी। उनकी आई ए एस बनने की इच्छा जान एसडीएम सदर कुलदीप मीना ने उनका पूरा सहयोग किया और तैयारी के लिए उन्हें एक साल का अवकाश दे दिया।

आज केदारनाथ शुक्ला ने आईएएस बनकर गोरखपुर जनपद के साथ सदर तहसील और तमाम उन नौजवानों को प्रेरणा दी है जो प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं। तहसील कर्मचारियों का उत्साह बढ़ा है कि उनके बीच का लेखपाल आईएएस अधिकारी होकर देश की सेवा करेगा। केदारनाथ शुक्ला किसान ओमकार नाथ शुक्ला माता कालिंदी देवी के 9 बच्चों में नवें नंबर के हैं। उनसे बड़ी उनकी आठ बहनें हैं। केदारनाथ शुक्ला गोरखपुर जिले के ग्राम सुगौना थाना हरपुर बुदहट के निवासी हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राइमरी स्कूल में हुई है।
उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/ एसडीएम सदर कुलदीप मीना ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुमित महाजन को दिया है।

केदारनाथ शुक्ला ने बताया कि अगर जॉइंट साहब हमें 1 वर्षों से पढ़ाई के लिए छुट्टी नहीं देते तो हम यह मुकाम हासिल नहीं कर पाते हैं उन्हीं की देन है कि आज हम आईएएस अधिकारी बनने में कामयाब हुए हैं। केदार नाथ को 465 वीं रैंक मिली है। यूपीएससी का रास्ता इतना कठिन है कि हर कोई इस रास्ते पर चल नहीं सकता लेकिन अपने परिश्रम, लगन, एकाग्रता और दृढ़ता के बलबूते केदार इन राह पर चले भी और लक्ष्य तक पहुँचे भी। केदारनाथ शुक्ला एक बड़े ही साधारण परिवार से हैं और इसपर मोहर इस बात से लग जाती है कि इनके पिता एक सामान्य किसान हैं। माता कालिंदी गृहिणी हैं।

नौकरी करते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना आसान नहीं है। केदारनाथ नौकरी के साथ साथ इस कठिन परीक्षा की तैयारी भी करते रहे और स्वयं का निर्माण कुछ इस तरह किया कि परिणाम आज सामने है। जहाँ आज सरकारी नौकरी का अकाल पड़ा है छोटे से छोटे पदों पर भर्ती के लिए योग्य से योग्य अभ्यर्थी भी लाइन में हैं वहीं सरकारी नौकरी करते हुए भी केदारनाथ अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह समर्पित रहे। जिसका परिणाम आज सबके सामने हैं। केदारनाथ की सफलता यह भी साबित करती है कि अगर मेहनत और दृढ़ संकल्प हो तो आपका बैक ग्राउंड और परेशानियां लक्ष्य की बाधा नहीं बनती। कुछ कर गुजरने की दृढ़ इच्छा शक्ति होनी चाहिए लेखपाल केदारनाथ शुक्ला के आईएएस अधिकारी होने पर जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एसडीएम सदर कुलदीप मीना सदर तहसीलदार वीरेंद्र कुमार गुप्ता, नायब तहसीलदार विकास, लेखपाल दिनेश पंकज, विनय श्रीवास्तव सहित समस्त लेखपालों ने केदारनाथ शुक्ला को बधाई दी।

 

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