एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। जल संरक्षण आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है क्योंकि यदि अभी से जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक नही किया गया तो, आने वाले दशकों में जल की कमी से जल आंदोलन शुरू हो जाएंगे। भारत में प्रकृति द्वारा जल की कोई कमी नहीं की गई है, परंतु हमारी उदासीनता के कारण जल संकट से जूझना पड़ रहा है। जल संरक्षण के लिए समाज में जागरूकता बढ़ानी होगी, इसमें युवाओं की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। उक्त वक्तव्य समाजशास्त्र विभाग एवं यूथ पावर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में “वॉटर सिक्योरिटी फ़ॉर सस्टेनेबल डेवेलपमेंट विद इक्विटी” विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि छात्रों को सम्बोधित करते हुए प्रसिद्ध पर्यावरणविद एवं मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता नियोजन प्रो. गोविन्द पाण्डेय ने दिया।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए प्रो. गोविन्द पांडेय ने जल संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति विश्विद्यालय के छात्र छात्राओं को विभिन्न रोचक उदाहरणों तथा तथ्यों से जागरूक किया। उन्होंने कहा कि गोरखपुर महानगर में जल का संकट दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। गोरखपुर के रामगढ़ ताल से यदि गोरखपुर वासी यदि पानी का उपयोग करना शुरू कर दें तो 183 दिन में रामगढ़ ताल में पानी समाप्त हो जायेगा। उन्होंने आरओ व्यवस्था से असहमत होते हुए बताया कि यदि सौ लीटर पानी में सिर्फ 32 लीटर पानी ही पीने योग्य होता है, बाकी अशुद्ध पानी नालियों में बर्बाद हो जाता है। इसपर सचेत होने की जरूरत है। समाजशास्त्र विभाग की अध्यक्ष प्रोफ़ेसर संगीता पाण्डेय ने कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि जल एवं पर्यावरण का संरक्षण प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। यह जरूरी है कि समाज के प्रत्येक आयु वर्ग के लोग जल संरक्षण के लिए आगे आएं। बिना जल के मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। हमारे छात्रों को न सिर्फ स्वयं जागरूक होना होगा बल्कि समाज के लोगों में भी पर्यावरण संरक्षण को लेकर चेतना पैदा करनी होगी।
यूथ पॉवर एसोसिएशन के अध्यक्ष शिव प्रसाद शुक्ला जी ने संस्था के विगत कार्यों से अवगत कराया और पानी को बचाने के लिए छात्रों को जागरुक करते हुए जल संरक्षण का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला के समन्वयक एवं समाजशास्त्र विभाग के डॉ.मनीष पाण्डेय ने किया। कार्यशाला में समाजशास्त्र विभाग के साथ साथ अन्य विभागों के दो सौ से ज्यादा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। इस अवसर पर समाजशास्त्र विभाग की प्रो. कीर्ति पाण्डेय, डॉ. अनुराग द्विवेदी, डॉ. पवन कुमार, डॉ. प्रकाश प्रियदर्शी, सनराइज सेवा संस्थान व बॉटमैन रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. शोभित श्रीवास्तव, यूथ पॉवर एसोसिएशन के स्वयंसेवक अरुण कुमार मिश्रा, अविनाश धर दुबे, कृति शाह, स्मृति पांडेय, राहुल देव, सार्थक शुक्ला, शिक्षा विश्वकर्मा, दुर्गांजलि, अनुष्का, अमन कुमार, तंजीम, प्रेमलता, निकिता दुबे, आकांशा, अर्पिता, मिर्जा हसन, उदय प्रताप उपस्थित रहे।
कार्यशाला में बनाए जल रक्षक, दिया गया प्रशिक्षण
यूथ पावर एसोसिएशन ने कार्यशाला के अंत में एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया , जिसमें समाजशास्त्र विभाग के सही जवाब देने वाले सर्वश्रेष्ठ बारह छात्र-छात्राओं को जल रक्षक बनाया गया तथा उन्हें प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। ये सभी जल रक्षक समाजशास्त्र विभाग और समाज में लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करेंगे।
ये बनाए गए जल रक्षक
तहरीन सिद्दीकी, आशुतोष प्रजापति, सुभांगी सिन्हा, ब्यूटी शर्मा, करन यादव, नीरज यादव, नम्रता मिश्रा, निकिता सिंह, कु. अंकिता, अंकित चौधरी, सुभी त्रिपाठी एवं आराधना तिवारी।