शनि होंगे नए वर्ष के राजा और बृहस्पति मंत्री
नया वर्ष शनिवार से प्रारंभ हो रहा है। इसलिए नए संवत्सर के राजा शनिदेव हैं। जिसके फलस्वरूप कहीं ज्यादा वर्षा और कहीं कम वर्षा होगी तथा जनता भयंकर रोगों से पीड़ित भी हो सकती। राजाओं में युद्ध तथा पड़ोसी देशों से युद्ध की स्थिति बनेगी। चोरों का आतंक तथा लोग अनेक समस्याओं से भी पीड़ित हो सकते हैं। देवगुरु बृहस्पति नए वर्ष के मंत्री हैं। फलस्वरूप फल के उत्पादन में वृद्धि होगी। अन्न का उत्पादन होगा और प्रचुर वर्षा होगी। इससे जनता प्रसन्न रहेगी ।राजा लोग प्रजा का पालन करेंगे। नए वर्ष में सस्येश सूर्य है तो अनाज सस्ते होंगे। राजाओं के मध्य युद्ध होगा। वृष्टि पर्याप्त होगी। वृक्षों का उत्पादन अच्छा रहेगा। दुर्गेश बुध ग्रह को प्राप्त है जिसके फलस्वरूप सबको सुख प्राप्त होगा। विशेषकर विद्या के क्षेत्र में और कारोबार के क्षेत्र में पर्याप्त मजबूती मिलेगी। धनेश बुध होने से व्यवसाय में वृद्धि प्राप्त होगा। व्यापारियों को लाभ रहेगा।
ऐसी होगी ग्रहों की मंत्रिपरिषद :
आकाशीय कौंशिल में 5 पद शुभ ग्रहो को तथा पांच पद क्रूर ग्रहों को प्राप्त है अतः वर्ष सामान्य रहेगा। मंत्री का पद देवगुरु बृहस्पति को प्राप्त है अतः बौद्धिक क्षेत्र में वृद्धि होगी। प्रतिभाओं का विकास होगा तथा राजा शनि ग्रह होने से और न्याय का स्वामी होने के कारण चोर तस्करों पर अंकुश लगाया जाएगा। प्रशासनिक व्यवस्था चुस्त बनी रहेगी। अनैतिक कार्य करने वाले लोगों के लिए वर्ष भारी रहेगा। प्रशासन द्वारा उन्हें दण्डित किया जायेगा।देश में तकनीकी प्रगति पर्याप्त होगी।
उत्तर प्रदेश की नाम राशि वृष है अतः दशम स्थान में शनि की स्थिति रहेगी और बृहस्पति लाभ भाव में स्थित रहेगा। उत्तर प्रदेश में बहुत प्रगति का योग मिलेगा। बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रशासन द्वारा मुहैया किए जाएंगे ।महंगाई पर नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जाएंगे। दशमस्थ शनि होने से अनैतिक कार्य करने वालों के लिए वर्ष प्रतिकूल रहेगा। अनेक परियोजनाओं का उद्घाटन और क्रियान्वयन किया जाएगा। प्रदेश में अमन और शांति बना रहेगा।
गोरखपुर का जबरदस्त विकास होगा:
गोरखपुर की नाम राशि कुम्भ है।इस राशि पर शनि की स्थिति पूर्ववत है। परन्तु नये वर्ष में बृहस्पति धन और जनता के स्थान पर होने से गोरखपुर का बेतहाशा विकास होगा।पुराने बन्द पड़े कल कारखानों को प्रारंभ किया जायेगा। यहां पूंजी का निवेश होगा और सत्ता में बैठे राजनेताओं को कर्तव्य बोध का भान बना रहेगा।वे लोगों के प्रति जवाबदेह होंगे।नये-नये विकास देखने को मिलेंगे। पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। लेखकों और साहित्यकारों का यथोचित सम्मान किया जायेगा। सार्वजनिक महत्व के अनेक आयोजन समारोहित किये जायेंगे। धर्म और आध्यात्म की वृद्धि के लिए कार्य किये जायेंगे। चतुर्दिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। पूर्व में व्यापक असंतुष्टि का निवारण किया जायेगा।