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एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। संस्कृति विभाग उत्तरप्रदेश के सहयोग से शारदा संगीतालय के संयोजन में 10 दिवसीय पारम्परिक लोकगीतों के कार्यशाला का आज समापन हुआ। कार्यशाला में 30 युवा कलाकारों ने प्रतिदिन सायं अपने लोक परम्परा के गीत यथा पचरा, सोहर, खेलौना, नकटा, गोदना, पूर्वी, कजरी का प्रशिक्षण लिया। यह कार्यशाला लोकगायक राकेश श्रीवास्तव के निर्देशन में सम्पन्न हुआ।
राकेश ने बताया कि नई पीढ़ी को लुप्त हो रहे लोकगीतों से जोड़ने हेतु मैं कृत संकल्प हूँ। इस अभियान मे मुझे काफी सफलता भी मिल रही है, वह दिन दूर नही जब भोजपुरी के हरेक मंचो पर अपने पारम्परिक गीतों की गूंज सुनाई देगी। कार्यशाला में प्रशिक्षित किये गए प्रतिभागियों की प्रस्तुति 2 जुलाई को विजय चौक स्थित एक होटल में होगी।