- गीता वाटिका में भाई जी और राधा की स्मृति में रामकथा
एन आईआई
गोरखपुर। सर्वभौम संत भाई जी श्री हनुमान प्रसादी पोद्दार और नित्यलचर महाभावनिमग्न श्री राधा बाबा की पावन तपस्यास्थल गीता वैटिका प्रागणव में श्री राधा कृष्ण साधना मंदिर में रामकथा के पांच भर भरत के भ्रातृप्रेमिका के साथ हनुमान जी की कनक की विहृष्टि नीती ने सुनाया। यह रामकथा 37 वें पटगृह के रखरखाव में है। श्री राम कथा का शनिवार को पांचवां दिन था। इस क्रम में व्यासपीठ से कथाप्रसंग का कीट पं.नरेंद्र शु ‘धनुषी’ ने कथाप्रसंग के रोग कहा है कि समुद्री के पार लंका के लिए माता सीता का पता लगाने के लिए अपने बल के बारे में सभी वनर कर्मी-
“निज निज बल सब काहू भाषा …..”
Rayr kayn जी अपने अपने बल की स स स नहीं नहीं नहीं है है है है उनके … .
प्रभु श्रीराम नें – “केहि बिधि दहेउ दुर्ग अत्यधिक बंका …..”
हनुमान जी – ” सो सब तव प्रताप रघुराय । नाथ न कछु मोरी प्रभुताई ।
हे रघुनंदन ! यह बस आप ही के लिए उपयुक्त है। हनुमान जी शंकर के शब्द हैं। ट्रस्टी के बारे में और जानते हैं।
“भवानी शंकरौ वन्दे विश्ववस रूपियनौ ….
“बिनु बिश्वास भगत नहिं, तेहि बिनुद्रा व्यवस्था न राम जॉक
विश्वास के भगवान श्रीराम द्रष्टव्य हैं। श्रृंखला होने से पूर्व मंच पर बैठने वाले श्रीभाई जी, जी और श्री राधा के चित्रपट काप-अर्चन- माल्यार्पण और कथाव्यासजी का पुजारी-अर्चन-माल्यार्पणा। पत्तो परिवार के कार्यक्रम के पूर्वाह्न 10:00 बजे श्री राधा कृष्ण मंदिर में विराजित भगवती श्रीदुर्गा का सहस्र नामार्चन किया गया।
29 जून को प्रातः 10:00 बजे श्रीराम दरबार का सहस्र नामार्चन। कथा और सहस्र नामार्चन 02 नवंबर तक। शाम का समय 5 बजे से 7 बजे तक और सहस्र नामार्चन का समय प्रातः 10 बजे से है। 05 जुलाई 2022 को कक्षा में पट गृह आषाढ़ शुक्ल खराब होने की स्थिति में। कथा का हनुमान पुरस्कार पोद्दार स्मारक स्मारक स्मारक की ओर से पूरा किया गया। यह सिंवास के नेता उर्मेश कुमार घानानिया और और संयुक्त सचिव रसेंदु फोगला की देखरेख में किया गया है।