गोरखपुर। 23 जुलाई को दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के यूजीसी. एच. आर. डी. सेंटर एवं बायोटेक्नोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में लाइफ साइंस में चौथे रिफ्रेशर कोर्स का उद्घाटन हुआ. रिफ्रेशर कोर्स में “लाइफ साइंस के क्षेत्र में विभिन्न नए आयाम” थीम पर १४ दिनों तक देश के विख्यात वैज्ञानिक व्याख्यान देंगे। उद्घाटन सत्र अध्यक्षता दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने की। उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कुलपति ने प्लांट जीनोमिक्स की विशेष रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया की आने वाले समय में सभी महत्वपूर्ण क्रॉप्स का जीनोम सीक्वेंस हमारे पास होगा। जीनोम सीक्वेंस के माध्यम से इंडिविजुअल जींस की पहचान की जा सकती है। जो आने वाले भविष्य में शोध के नए और नवीन द्वार खोलेगा।
उन्होंने अरहर का उदाहरण देते हुए सहभागियों को जीनोम के विभिन्न आयामों से अवगत कराया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता मिजोरम केंद्रीय विश्वविद्द्यालय के कुलपति प्रो. के. आर. एस. संबाशिव राव रहे। प्रो. राव ने वर्तमान में असाध्य रोगों के इलाज में बायोटेक्नोलॉजी की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विकसित हो रही नयी नयी तकनीक के बारे में प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होंने कहा की विज्ञान की इन तकनीक के माध्यम से मनुष्य के जीवन को आसान बनाया जा सकता है। में को सम्बोधित करते हुए ने उद्घाटन सत्र में यूजीसी. एच. आर. डी. सेंटर के निदेशक प्रो. रजनीकांत पांडेय ने सभी स्वागत किया।
तत्पश्चात रिफ्रेशर कोर्स के संयोजक प्रो. शरद कुमार मिश्र ने रिफ्रेशर कोर्स की उपयोगिता और महत्त्व पर प्रकाश डाला। रिफ्रेशर कोर्स के सहसंयोजक प्रो. दिनेश यादव ने लाइफ साइंस विभिन्न नए आयामों पर अपनी बात रखी। सत्र के अंत में प्रो. राजर्षि गौर ने सभी के प्रति आभार प्रकट किया। उक्त कोर्स में देश विभिन्न प्रांतों जैसे आसाम, अरुणांचल प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।