एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। शुक्रवार 7 नवंबर 2022 को एनेक्सी भवन सभागार, सर्किट हाउस में प्रातः 11:00 बजे से ग्राम आपदा प्रबंधन एवं जलवायु संरक्षण योजना निर्माण विषयक एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गोरखपुर, मंडलीय राजस्व प्रशिक्षण विद्यालय गोरखपुर एवं यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में नव चयनित 68 नायब तहसीलदार एवं 134 आपदा मित्र व सखी तथा गोरखपुर विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के अंतर्गत संचालित आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बेसिक शिक्षा विभाग, सूचना विभाग, पंचायती राज, बाढ़ खंड, बाढ़ खंड 2, ड्रेनेज खंड, विकास, अग्निशमन विभाग, विद्युत आदि अन्य हितभागी संस्थाओं और विभागों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्राम की विकास योजनाओं में आपदा न्यूनीकरण एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी तत्व को समायोजित करते हुए योजना निर्माण की कार्यवाही किए जाने हेतु प्रोत्साहित किया जाना रहा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षित नायब तहसीलदार एवं उनके साथ एक युवा मास्टर प्रशिक्षक को जोड़ते हुए एक टीम गठित की गई। योजना निर्माण हेतु अति संवेदनशील ग्रामों का चयन किया गया है। चयनित ग्राम में निर्धारित टीम द्वारा बैठक आयोजित कर योजना निर्माण की कार्यवाही की जाएगी। ग्राम स्तरीय बैठक में संबंधित ग्राम के ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, लेखपाल, अध्यापक, एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी, चौकीदार, आपदा मित्र एवं अन्य ग्राम स्तरीय कर्मचारी तथा गणमान्य व्यक्ति अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करेंगे, जिसे हेतू पृथक रूप से दिशा निर्देश समस्त विभागों को दिए जा रहे हैं।
योजना निर्माण में मुख्य रूप से ग्राम का विवरण ग्राम की संरचना, नाजुकता व क्षमता का आकलन, ग्राम में उपलब्ध संसाधन (भौतिक एवं मानवीय), ग्राम स्तर पर संचालित किए जा रहे विकास कार्य, प्रस्तावित विकास कार्य तथा जलवायु संरक्षण के दृष्टिगत तैयार कराए जा रहे अमृत सरोवर, जल संरक्षण हेतु किए जा रहे प्रयास, पर्यावरण संरक्षण हेतु वर्तमान में तथा भविष्य में किए जाने वाले सुरक्षित पौधरोपण, फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री खेत खलियान दुर्घटना बीमा योजना आदि विभिन्न विषयों पर सूचना एकत्रित की जाएगी और उक्त योजनाओं का सफलता रुप से संचालन हो सके इस हेतु ग्राम की विकास योजना में समाहित की जाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही प्रत्येक ग्राम के स्तर पर ग्राम आपदा प्रबंधन समिति तथा 4 सहायक समितियों का गठन भी किया जाएगा।
उक्त अवसर पर राजेश कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी (वित्त राजस्व)/प्रभारी अधिकारी (आपदा) गोरखपुर ने प्रतिभागियों से अपेक्षा व्यक्त की कि शासन स्तर पर डिजास्टर मिटिगेशन फंड उपलब्ध है जिस हेतु योजनाएं तैयार कर शासन को प्रेषित की जानी है। उन्होंने उदाहरण स्वरूप सभी को अवगत कराया कि “एक ग्राम जो की ऊंचाई पर बसा हुआ है किंतु सड़क नीची होने के कारण बाढ़ व अतिवृष्टि के दौरान वह जलमग्न हो जाता है और सुरक्षित आवागमन हेतु नाव लगाई जाती है। ऐसी दशा में यदि सड़क का उच्चीकरण कर दिया जाए और सुरक्षित जल निकासी की व्यवस्था कर दी जाए, तो वह गांव बाढ़ के दौरान सुरक्षित रहेंगे और आवागमन की व्यवस्था बनी रहेगी। उन्होंने अपेक्षा की कि सभी प्रतिभागी योजना निर्माण के दौरान फ्लड मिटिगेशन हेतु क्या कार्य किए जा सकते हैं पर विशेष ध्यान देते हुए लघु, मध्य तथा दीर्घ कालीन योजनाओं पर भी चर्चा करें और उसका एक संक्षिप्त विवरण उपलब्ध कराएं, जिससे कि संबंधित विभाग के माध्यम से संपूर्ण योजना निर्माण की कार्यवाही पूर्ण कर मिटिगेशन फंड से धन आवंटन हेतु मांग प्रेषित किया जा सके।
अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड में अवगत कराया कि वर्ष 2022, बाढ़ के दौरान अप्रोच रोड जलमग्न हो जाने के कारण 03 विद्युत स्टेशन को बंद करना पड़ा था। यदि अप्रोच रोड का ऊंचीकरण हो जाए तो विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होगी। निर्देशित किया गया कि योजना निर्माण कर, आपदा कार्यालय को योजना उपलब्ध कराएं ताकि शासन स्तर पर मांग प्रेषित कर धन आवंटन हेतु प्रयास किया जा सके। योजना निर्माण में ग्राम स्तर पर तैराक नाविक एवं गोताखोर चिन्हित किए जाने हैं। चिन्हित व्यक्तियों को एनडीआरएफ एसडीआरएफ के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। योजना निर्माण की कार्रवाई प्रत्येक दशा में 22 से 23 नवंबर के मध्य की जानी है, जिसका मूल्यांकन एवं पर्यवेक्षण अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) द्वारा स्वय किया जाएगा।