प्रयागराज। 9वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योगदा सत्संग ध्यान केंद्र(सोहबतियाबाग) प्रयागराज में योग की प्रविधियों पर व्याख्यान के साथ-साथ अभ्यास भी कराया गया। ध्यान में बैठने की प्रविधि के साथ-साथ हम शरीर के तनाव मुक्त कैसे करें, हमारा चंचल मन कैसे शांत हो और इस शांत मंत्र ईश्वर के साथ कैसे जोड़े जैसे महत्वपूर्ण संदर्भों पर भी ध्यान कराया गया।
जीवन में अस्थायी आनंद, शांति एवं प्रेम का यदि कोई एकमात्र इस संसार में उपाय है तो वह है योग। लोगों का आंशिक आध्यात्मिक रूपांतर इसी के माध्यम से ही संभव है। परमहंस योगानंद जी की प्रविधि क्रिया के योग इस आध्यात्मिक रूपांतरण का पथ प्रशस्त करती है। क्रिया योग साधकों की चेतना में इच्छित परिवर्तन की प्रक्रिया को संभव बनाता है।
कार्यक्रम के अंत में मानस दर्शन प्रविधि क्रिया योग इस अध्यात्मिक रुपांतरण का पथ प्रशस्त करती है। क्रियायोग साधको की चेतना में इच्छित परिवर्तन की प्रक्रिया को संभव बनाता है। कार्यक्रम के अंत में मानस दर्शन प्रविधि का अभ्यास कराया गया। ईश्वर की गहन चेतना में डूबकर लोगों ने इस प्रविधि का अभ्यास किया एवं दिव्य अनुभूति प्राप्त की। कार्यक्रम संचालन मंडल के उमेश चंद्र श्रीवास्तव, सुधीर कुमार तिवारी, रमेश चंद्र चौबे, सुरेश गुप्ता, ओम शंकर श्रीवास्तव प्रमुख थे। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यमुना प्रसाद पाठक जी थे।
इस अंतर्राष्ट्रीय महापर्व पर एकवृह्द चिकित्सीय शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, एक्यूप्रेसर आदि से संबंधित वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा लोगों की जांच की गई। वरिष्ठ चिकित्सकों मे डॉ. शांता गुजराती, डॉ. विद्या सिंह, डॉ. रामजी शर्मा, लाल पैथालॉजी, श्री अखिलेश आदि ने अपनी सेवा प्रदान की।