- विज्ञान संकाय के नावाचारी विद्यार्थियों के लिये सृल एक रोमांच
एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। 20 जुलाई बुधवार को दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के वनस्पतिक शोध भवन में सर सी वी रमन इनोवेशन लैब वनस्पति विज्ञान विभाग एवं फेयर लैब गुरुग्राम के संयुक्त तत्वाधान मे एक कार्यशाला “Job opportunities for science graduates – विज्ञान स्नातको के लिये रोजगार के अवसर ” का आयोजन माननीय कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के निर्देश पर सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ । विभागध्यक्ष प्रोफेसर पूजा सिंह ने अपने स्वागत भाषण मे कहा कि हमें सतत प्रयास और नई जानकारी हासिल करनी चाहिए जिससे हमें रोजगार के नवीन अवसर प्राप्त हो सकें।
प्रोफेसर ईश्वर दास स्थानीय सालाहकार सर सी वी रमन इनोवेशन लैब (SRIL – सृल ) ने कहा कि यह विद्यार्थियों के लिये एक नवाचार एवं उनके अनुप्रयोगो का सर्वसुलभ प्लेटफॉर्म है जो उनमे ज्ञान विज्ञान, नवाचार एवं खोज की प्रेरणा को उतप्रेरित कर सफल नागरिक बनाने में उपयोगी है । इसी क्रम में उन्होंने कहा कि उन्हें भारत सरकार की तरफ से एक टोकन धनराशि अमृत महोत्सव के लिये प्राप्त हुई है जो हमें ” चलो उजाले की ओर ” अभिप्रेरित करती है।
SRIL – सृल के समन्वयक और विज्ञान संकाय के वरिष्ठम आचार्य प्रोफेसर वी एन पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि विज्ञान संकाय के नावाचारी विद्यार्थियों के लिये सृल एक रोमांच है (SRIL is a thrill for science graduates )। विज्ञान संकाय के विद्यार्थी जो आज यहाँ उपस्थित है वो अपने को कार्यशाला से जोड़े एवं फेयर लैब से ट्रेनिंग प्राप्त कर आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करें। मुख्य अतिथि, सालाहकार, फेयर लैब के बोर्ड ऑफ़ गवर्निंग बॉडी के सदस्य एवं भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के पूर्व निदेशक डॉ एच बी सिंह ने विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त करने हेतु फेयर लैब प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम से अपने को जोड़ने हेतु आवाहन किया।
जिससे ज्ञान रोजगार एवं आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को समग्रता मे देश के विकास को अवदान दें। यह लैब विश्लेषनात्मक परिक्षण, गुनात्मक आधारभूत संरचना, मापंकन आदि से सुसज्जित हैं। इससे पांच सौ से अधिक प्रतिनिधि ग्राहक कम्पनिया जुड़ी हुई हैं। कार्यशाला के आयोजक सचिव डॉ राकेश पाण्डेय ने सभी के प्रति धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। इस अवसर पर डॉ दीपा श्रीवास्तव, डॉ तूलिका मिश्रा, डॉ कुमारी सुनीता, डॉ स्मृति मल्ल, डॉ वीरेंद्र कुमार मधुकर एवं संकाय के शिक्षक, शोधार्थी, एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।