एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाया गया । कार्यक्रम का आरंभ करते हुए विभागाध्यक्ष महोदय प्रो० दीपक प्रकाश त्यागी ने कहा कि हिंदी जागरण की भाषा रही है और स्वतंत्रता संग्राम में हिंदी की अहम भूमिका रही है । वक्तव्य देते हुए मुख्यवक्ता प्रो० अनिल कुमार राय ने कहा कि राजभाषा के रूप में हिन्दी के पूर्ण विकास के लिए अनेक सार्थक प्रयत्नों की ज़रूरत है । स्वाधीनता संघर्ष के दौर में एक व्यापक सम्पर्क भाषा की भूमिका के मद्देनजर ही हिन्दी के राजभाषा के रूप में विकास की आकांक्षा व्यक्त की गई थी । पर , अभी यह लक्ष्य अधूरा है । प्रो राय ने हिंदी के साथ अन्य भारतीय भाषाओं के विकास के महत्व को रेखांकित किया । प्रो० विमलेश कुमार मिश्र कहा कि हिंदी भाषा ही नही बल्कि सभी बोलियों का समुच्चय है जबकि अंगेजी सत्ता की भाषा है, हमें अंग्रेजी का विरोध नही करना है अंग्रेजियत का विरोध करना है । हिंदी विभाग के शोधछात्र दीपक उपाध्याय ने कहा कि हिंदी अरुणाचल से दक्षिण भारत तक संपर्क भाषा के रूप में बोली जा रही है, इसपर हमें गर्व होना चाहिए ।
विभाग के शोधार्थी राजू मौर्य ने कहा कि अब समय आ गया है कि हिंदी राष्ट्रभाषा होनी चाहिए ।
जिसमें छात्रों ने कवितापाठ, गीत तथा भाषण प्रस्तुत कर कार्यक्रम को भव्य एवं रचनात्मक बनाया । इस अवसर पर छात्रों ने काव्य पाठ भी किया। कविता पाठ के क्रम में स्वेता सिंह ने ‘मैं हिंदी हूँ’, रोहित ने ‘मेरी प्यारी हिंदी’, अमृता पांडेय ने नागार्जुन की कविता ‘शासन की बंदूक’ और नेहा यादव ने हरिवंशराय बच्चन की कविता ‘अग्निपथ’ प्रस्तुत किया । गीत प्रस्तुति के क्रम में दीपिका गुप्ता ने ‘हमहन रहली दुई भाई’, उत्सव मणि त्रिपाठी ने अपना प्रेमगीत ‘तुम गई छोड़ जब से गीत पूरे हो गए’, सौम्या सिंह ने ‘सत सैया के दोहे जितनी पढ़ो बढ़ेगी उतनी प्यास’ नीलकमल ने हरिवंशराय बच्चन की कविता मधुशाला और प्रज्ञा त्रिपाठी ने केदारनाथ सिंह की कविता ‘मातृभाषा’ को प्रस्तुत किया ।
इस कार्यक्रम में विभाग के शिक्षक प्रो.प्रत्यूष दुबे, डॉ. नरेंद्र कुमार, डॉ. राम नरेश राम , डॉ. संदीप कुमार यादव, डॉ. अखिल मिश्र, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अभिषेक शुक्ल समेत परास्नातक के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
हिन्दी भाव संपृक्त भाषा- प्रो० दीपक प्रकाश त्यागी
14 सितंबर को संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग तथा रोवर रेंजर्स दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के संयुक्त तत्त्वावधान में हिंदी- दिवस का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के संयोजक डॉ० देवेन्द्र पाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए हिंदी दिवस के सन्दर्भ में अपने विचार रखे। कार्यक्रम के मुख्यातिथि संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दीपक प्रकाश त्यागी ने हिन्दी भाषा के जातीय विस्तार पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर संस्कृत विभाग के आचार्य डॉ० सूर्यकांत त्रिपाठी, डॉ० धर्मेंद्र कुमार सिंह, डॉ० लक्ष्मी मिश्रा, डॉ० रंजन लता, डॉ० कुलदीपक शुक्ल, डॉ० स्मिता द्विवेदी एवं डॉ ०मृणालिनी ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में विद्यार्थियों की भी प्रस्तुति अत्यन्त सराहनीय रही।