- मानसिक स्वास्थ्य का संबर्धन जरूरी-प्रो अनुभूति दुबे
- मानसिक स्वास्थ्य शिविर से होगा सर्वांगीण कल्याण-प्रो नंदिता आई पी सिंह
- गुआ कॉमन हॉल में आयोजित हुआ मनोविज्ञानिक चिकित्सा परामर्श
एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में गोरखपुर विश्वविद्यालय महिला कल्याण समिति (GUWWA) एवं स्वस्ति मनोविज्ञान परामर्श केन्द्र मनोविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में साइकोलॉजिकल हिलींग क्लिनिक आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ो विद्यार्थियों, अध्यापकों व कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही अधिष्ठाता कला संकाय प्रो नंदिता आई पी सिंह ने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय महिला कल्याण समिति (GUWWA) एवं स्वस्ति मनोविज्ञान परामर्श केन्द्र मनोविज्ञान विभाग द्वारा यह एक सराहनीय पहल है जिसके द्वारा मानसिक स्वास्थ्य से सर्वांगीण कल्याण हो सकता है। उन्होंने बताया कि अक्सर समाज मे मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विभिन्न प्रकार के भेदभाव होते रहते हैं, हमें किसी से किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीँ करना चाहिए।
इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने तथा समाज मे जागरूकता फैला कर समाज मे हो रहे मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विभिन्न प्रकार के भेदभाव को रोका जा सकता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. अनुभूति दुबे ने कहा कि व्यक्ति में मानसिक स्वास्थ्य का सम्बर्धन बहुत जरूरी है, जिसके लिए व्यक्ति को अपने बीते हुए समय के बारे में सकारात्मक सोचना चाहिए अथवा सदैव सकारात्मक सोच बनाये रखना चाहिए तथा, अगर अपने नकारात्मक विचाओ पर नियंत्रण न हो पा रहा हो तो मनोविज्ञानिक परामर्श चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें। कार्यक्रम की संचालन कर रही गोरखपुर विश्वविद्यालय महिला कल्याण समिति (GUWWA) की सचिव प्रो सुनीता मुर्मू ने बताया की हमे मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है तथा आवश्यकता अनुसार हमे परामर्श लेने में कोई बुराई नहीँ है।
कार्यक्रम का उद्धघाटन अधिष्ठाता कला संकाय प्रो. नंदिता आई पी सिंह कार्यक्रम का संचालन प्रो सुनीता मुर्मू तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो धन्नजय कुमार ने किया। इस दौरान प्रो. शोभा गौड़, प्रो. दिव्य रानी सिंह, प्रो विना बत्रा कुशवाहा, प्रो. संगीता पाण्डेय प्रो. उषा सिंह, प्रो. सुधा यादव, प्रो. उमेश नाथ त्रिपाठी
इन इन मानसिक समस्याओं पर किया गया परीक्षण
मानसिक समस्याओ जैसे लेवल ऑफ स्ट्रेस, लेवल ऑफ एंग्जायटी, लेवल ऑफ डिप्रेशन, साइकोलॉजिकल वेल बीइंग, क्वालिटी ऑफ लाइफ, बर्न बाउट, जॉब एंग्जायटी तथा लोनिनेस आदि मानसिक समस्याओं का विभिन्न माध्यमों से परीक्षण किया गया तथा परामर्श दिया गया।
कार्यक्रम का उद्धघाटन अधिष्ठाता कला संकाय प्रो नंदिता आई पी सिंह ने किया।
मानसिक समस्याओं के लक्षण
माध्यम स्तर का तनाव आपके कार्यप्रणाली को बेहतर करता है लेकिन अगर तनाव जरूरत से ज्यादा बढ़ जाये तो जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याए उत्त्पन्न होने लगती है जिसके लिए तनाव का प्रबंधन आवश्यक है अगर प्रबंधन नहीँ किया तो शारारिक बीमारियां जैसे, उक्त रक्त चाप, मधुमेह गठिया जैसे रोग उत्त्पन्न होते हैं।