- विश्वविद्यालय प्रशासन उनके खिलाफ, राजभवन को अवगत कराया
एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के निलंबित आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त के आमरण अनशन करने की घोषणा को विश्वविद्यालय प्रशासन ने अत्यंत गंभीरता से लिया है और इस बारे में जिला प्रशासन को लिखित सूचना दे दी गई है।
इस पूरे मामले की राजभवन के सज्ञान में भी लाया गया है। विश्विद्यालय द्वारा गठित जांच समिति ने भी प्रो गुप्त के खिलाफ अपनी रिपोर्ट दी है। प्रो गुप्त जाँच समिति के समक्ष कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके हैं। विश्विद्यालय प्रशासन द्वारा दी गयी नोटिसों का भी संतोषजनक उत्तर नहीं दिया है।
प्रो गुप्त के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए विश्विद्यालय प्रशासन ने उन्हें निलंबित किया है। लेकिन पाया गया है कि निलंबन के बाद उन्हें जहाँ सम्बद्ध किया गया वहां वो रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं। प्रो गुप्त विश्विद्यालय के अधिनियम तथा परिनियम में दिए गए कोड ऑफ कंडक्ट के खिलाफ व्यवहार करते रहे है। विश्विद्यालय प्रशासन उनके खिलाफ कार्यवाही करने जा रहा है। विश्विद्यालय प्रशासन ने कहा है कि जो भी प्रो गुप्त का साथ देगा उसे भी अनुशासनहीनता माना जायेगा और उनके खिलाफ भी कार्यवाही की जाएगी।