गोरखपुर। चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव समिति, मोतिहारी बिहार ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह को महर्षि वाल्मीकि राष्ट्रीय सम्मान 2022 से अलंकृत किया है। यह सम्मान प्रोफेसर सिंह को 12 एवं 13 नवंबर 2022 को मोतिहारी में संम्पन हुए दो दिवसीय चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव 2022 के अवसर पर दिनांक 13 नवंबर को प्रदान किया गया। महर्षि वाल्मीकि राष्ट्रीय सम्मान के तहत प्रोफेसर सिंह को महर्षि वाल्मीकि का एक भव्य व आकर्षक प्लेक, अंगवस्त्रम तथा ₹1,00,000 की नगद राशि तथा प्रशस्ति पत्र पुरस्कार स्वरूप प्रदान किया गया। यह पुरस्कार मोतिहारी में जिला प्रशासन, 5 कुलपति व शिक्षविदों के साथ मिलकर दिया गया है। यह पुरस्कार उनके शिक्षा व शिक्षा प्रबन्धन के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए दिया गया है। प्रो राजेश सिंह एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक होने के साथ-साथ उनकी 18 प्रजातियाँ/राष्ट्रीय पेटेंट हैं। उन्होंने लगभग 67 करोड़ के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय 25 प्रोजेक्ट को सफलतापूर्वक पूर्ण किया है।
प्रो सिंह ने लगभग 300 शोधपत्रों तथा करीब 32 पुस्तकें लिखी है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की हैं। प्रो सिंह राष्ट्रीय स्तर के कुछ चुनिंदा लोगों में हैं जिन्होंने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीबीसीएस सिस्टम में पढ़ा है और उत्तर प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय को पहला विश्वविद्यालय बनाया है जिसने सीबीसीएस सिस्टम/सेमेस्टर सिस्टम के पाठ्यक्रमों को बनाया है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दायरे में लागू किया है। प्रो सिंह जब पूर्णियाँ में कुलपति थे, पूर्णियाँ के तीन जिलों जिसका सकल नामांकन अनुपात भारत में न्यूनतम 9% से कम था, उन्होंने अपने कार्यकाल में 18% किया है, जो कि बिहार के औसत 13.8% से कहीं ज्यादा है। बिहार व उत्तर प्रदेश में इन्हीं सभी योगदानों के कारण प्रो0 सिंह को यह पुरस्कार दिया गया है। चंपारण संस्कृत महोत्सव समिति की तरफ से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक गायिका तथा सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन तथा संगीत नाटक एकेडमी सदस्य की सदस्य डॉक्टर नीतू कुमारी नूतन तथा समाजसेवी संजय पांडे मौजूद रहे।