एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है। सेवा पूर्व प्रशिक्षण एक शिक्षक के अंदर राष्ट्र निर्माण में सहायक होने वाले सभी प्रकार के गुणों को विकसित करने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है, जिसके द्वारा हम एक ऐसे शिक्षक का निर्माण करते हैं जिसमें संवेदना, संचेतना, सद्भाव एवं मानवीय मूल्यों का समावेश होता है। उक्त विचार राम गुलाम राय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय गोरखपुर के राजा देवी स्मृति सभागार में बी. एड.बैच 2022 का परिचय एवं सत्रारम्भ समारोह के आयोजन में उपस्थित मुख्य अतिथि डॉ अशोक कुमार शाही, प्राचार्य, राम गिरीश राय पी.जी. कॉलेज , गोरखपुर ने व्यक्त किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्रबंधक प्रभात कुमार राय ने अपने उदबोधन में कहा कि आज हम सभी संक्रमण काल से गुजर रहे हैं, इस दौर में हमें व्यष्टि से समष्टि की कल्पना का पर्याय बनना होगा, जिससे एक ऐसी चेतना पूर्ण शिक्षित समाज का निर्माण हो , जिसमें नौनिहालों का बचपन, किशोरों की अठखेलियां एवं युवाओं के परिश्रम को सार्थकता के साथ सामाजिक पहचान मिले। स्नातक शिक्षा का यह प्रशिक्षण आपके जीवन में कौशल, शैली के विशिष्ट आयामों को विकसित करें इसकी हम ईश्वर से कामना करते हैं।
विशिष्ट अतिथिगण के रूप में महाविद्यालय से पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके राहुल चौबे, प्राध्यापक श्रीगांधी इंटर कॉलेज महुआ पाटन , देवरिया, आशुपुंजय विश्वकर्मा, प्राध्यापक, महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज गोरखपुर, अमित कुमार ,प्राध्यापक ,महंत त्रिवेदी इंटर कॉलेज, देवरिया तथा जयंती अग्रवाल अध्यापिका संयुक्त विद्यालय, सिकटौर, गोरखपुर ने भी अपने अनुभव एवं महाविद्यालय में बिताए गए अपने संस्मरणों को नव प्रवेशी प्रशिक्षुओं के साथ साझा किया तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर समस्त विशिष्ट अतिथि, मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष महोदय को स्मृति चिन्ह तथा श्रीमद्भगवद्गीता प्रदान कर सम्मान किया गया।
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ विनय कुमार मिश्र ने अपने वक्तब्य में प्रशिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभी भविष्य में ऐसी शिक्षा व्यवस्था के निर्माण में सहयोग करें , जो राष्ट्र के उत्थान में अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए समर्पित हो और शिक्षा जगत में एक कुशल शिक्षक बनकर विद्यार्थियों में मानवीय गुणों का विकास करें। जिसमें समाज बौद्धिक एवं मानवीय रूप से संपन्न हो। यह प्रशिक्षण संस्थान आपके जीवन मूल्यों सामाजिक जीवन में आपके द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रकार की गतिविधियों की माला पिरो कर एक नई सोच और नूतन कलेवर के साथ प्रस्तुत करने में सक्षम होगा। ऐसा मेरा पूर्ण विश्वास है कि प्रशिक्षण अवधि में आप सभी मूल्यपरक रचनाधर्मी एवं राष्ट्रोंमुखी शैक्षिक परिवेश के निर्माण में सहायक होंगे। एक शिक्षक अपने ज्ञान से सामाजिक रूप में एक ऐसे वातावरण का सृजन करता है जिसके अंदर रहने वाला प्रत्येक नागरिक राष्ट्रीय संकल्पों से प्रतिबद्ध होता है। आप सभी आगामी 2 वर्षों के प्रशिक्षण में उन गुणों को विकसित करेंगे जो बीएड पाठ्यक्रम एवं प्रशिक्षण को नवोन्मेषी पथ प्रदान करेगा। इन्हीं शब्दों के साथ उन्होंने समस्त आगत अतिथियों का आभार ज्ञापन किया। अतिथियों के स्वागत एवं सम्मान के क्रम में बीए द्वितीय वर्ष के प्रशिक्षु शस्मित यादव द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया।
परिचय समारोह का शुभारंभ आगत अतिथि गण द्वारा मां सरस्वती जी, भारत माता एवं स्वर्गीय राम गुलाम राय जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर सरस्वती वंदना से हुआ। प्रशिक्षुओं ने स्वागत गान एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। आयोजन के मध्य नव प्रवेशित प्रशिक्षुओं ने मंच पर आकर अपना अपना परिचय दिया। प्रशिक्षु परिचय के बाद महाविद्यालय के प्रवक्ता श्री अतुल पाल जी एवं श्री पीयूष राय सहित सभी प्राध्यापक एवं प्राध्यापिका ने क्रमशः अपने-अपने विचार व्यक्त किए और नव प्रवेशी प्रशिक्षुओं को शुभकामना देते हुए प्रशिक्षण की नूतन प्रवृत्तियों एवं प्रविधियों से अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षुद्वय सत्यशील भूषण एवं कृति सिंह के द्वारा किया गया।