एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में स्टूडेंट्स से ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में बातचीत की, इस दौरान शबनम मेमोरियल इण्टर कालेज बड़हलगंज गोरखपुर के छात्र छात्राओं ने भी लाइव प्रसारण के माध्यम से करीब दो घंटे चले इस कार्यक्रम में भाग लिया और PM मोदी ने परीक्षा और जीवन में तनाव पर बच्चों के सवालों के जबाव दिए। पूरे देश के साथ-साथ कई अन्य देशों के 38 लाख से अधिक स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और टीचर्स को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एग्जाम स्ट्रेस टिप्स दिया। पीएम मोदी हर साल बोर्ड परीक्षाओं से पहले आयोजित किए जाने वाले लोकप्रिय लाइव कार्यक्रम परीक्षा पे चर्चा के छठें संस्करण में आज यानि शुक्रवार, 27 जनवरी 2023 को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में देश-विदेश के स्टूडेंट्स से वर्चुअल मोड में संवाद किया। इस लाइव टेलीकॉन्फ्रेंसिंग कार्यक्रम के दौरान स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और टीचर्स प्रधानमंत्री से परीक्षा के तनाव को कम करने और अपना बेहतर प्रदर्शन करने के लिए सवाल पूछे, जिनका जवाब पीएम वीडियो-इंटेरैक्शन में उन्हें लाइव दिया। साथ ही, स्टूडेंट्स को कैरियर को लेकर भी सलाह सीधे पीएम मोदी ने दिया।
पीएम के एग्जाम टिप्स
1: टाइम मैनेजमेंट है जरूरी
पीएम ने स्टूडेंट्स से कहा टाइम मैनेजमेंट के लिए एक बहुत ही शानदार बात कही, जो न सिर्फ छात्र बल्कि हर व्यक्ति ध्यान में रखें तो कभी काम ही न टले। उन्होंने कहा “केवल परीक्षा के लिए ही नहीं हमें अपने जीवन में हर स्तर पर टाइम मैनेजमेंट को लेकर जागरूक रहना चाहिए। आप ऐसा स्लैब बनाइए कि जो विषय आपको कम पसंद है उसे पहले समय दीजिए, उसके बाद जो विषय आपको पसंद है, उसे समय दीजिए।
2: स्मार्टनेस के साथ करें हार्डवर्क
पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि पहले हमें भी जिस चीज की जरूरत है उस पर फोकस करना चाहिए. अगर कुछ अचीव करना है तो स्पेसिफिक एरिया पर फोकस करना होगा… तभी रिजल्ट मिलेगा. हम सभी को ‘स्मार्टली हार्डवर्क’ करना चाहिए, तभी बेहतर परिणाम हासिल हो।
3: लोगों को आलोचना करने दें
पीएम मोदी ने कहा, “कभी-कभी आलोचना करने वाला कौन है ये देखना महत्वपूर्ण होता है. जो अपना है वो कहता है तो आप उसे सकारात्मक लेते हैं, लेकिन जो आपको पसंद नहीं है वो कहता है तो आपको गुस्सा आता है. आलोचना करने वाले आदतन ऐसा करते रहते हैं तो उसे एक बक्से में डाल दीजिए, क्योंकि उनका इरादा कुछ और है।”
4: बढ़ता स्क्रीन-टाइम चिंता का विषय
पीएम ने कहा हमारे देश में अब गैजेट-उपयोगकर्ता के लिए औसतन 6 घंटे का स्क्रीन-टाइम है। यह गंभीर चिंता की बात है। इससे लोगों की क्रिएटिविटी पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। यह निश्चित तौर पर वह समय और एनर्जी है, जो लोग अर्थहीन और उत्पादकता के बिना निकाल देते हैं।
5: सामाजिक प्रतिष्ठा के लिए उम्मीद करना खतरनाक
इसके साथ ही पीएम मोदी ने स्टूडेंट्स के अभिभावकों को भी महत्वपूर्ण संदेश दिया, जिसके बारे में यकीनन लोगों को सोचना जरूरी है, क्योंकि आपकी सामाजिक प्रतिष्ठा के चक्कर में बच्चे तनाव में आ जाते हैं. पीएम ने कहा, “परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ ‘सामाजिक स्थिति’ बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है।” चर्चा में शबनम मेमरियल कॉलेज के सभी बच्चे शिक्षक और प्रबंधन के लोग मौजूद थे। सबने कार्यक्रम की सराहना की।