एनआईआई ब्यूरो
गोरखपुर। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच (फैन्स) गोरक्षप्रान्त के तत्वाधान में विश्वकर्मा पंचायत सभागार धर्मशाला बाजार गोरखपुर में राष्ट्रीय सुरक्षा के नये आयाम एवं हमारा प्रयास’ विषयक संगोष्ठी के मुख्य अतिथि गोलोक बिहारी राय जी,राष्ट्रीय संगठन महासचिव ,नई दिल्ली ,फैन्स ने कहा कि धर्मान्तरण वैचारिक गुलामी की ओर ले जाने का एक कुचक्र है साथ हीं भारत की एकता व अखण्डता पर एक कुठाराघात भी है। राष्ट्र की एकता व अखण्डता को अक्षुण्ण रखने के लिए आवश्यक है वैचारिक गुलामी से बाहर निकलना। आज यह समय है कि भारत की एकता का स्वरूप विशाल भारत के रूप में भारतीय महासंघ के नाम से पहचाना जाय। इस विशाल क्षेत्र में जो पहचान, अस्मिता और अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं ऐसे बलूचिस्तान, सिन्ध देश, पस्तूकिस्तान(वजिरिस्तान) आदि को नैतिक समर्थन मिलना चाहिए जो भारतीय एकता एवं अखंडता का सूत्र होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मंच का प्रमुख कार्य देश के आन्तरिक एवं बाह्य सुरक्षा के प्रति समाज को जगाने का है। आन्तरिक एवं बाह्य सुरक्षा का अर्थ है अपने सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करते हुए अपनी पहचान व अपने मानदण्ड को संगठित कर अपनी परम्पराओं को सुदृढ़ करते हुए राष्ट्र को सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है।
इस दिशा में हमारा निरन्तर प्रयास बना रहे इसके लिए मंच का प्रत्येक कार्यकर्ता जागरूक हो और अपने समाज को जागरूक करने के लिए प्रयास करता रहे यह आवश्यक है। मुख्य वक्ता के रूप में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के आधुनिक हिंदी भाषा एवं पत्रकारिता तथा संस्कृत एवं प्राकृत भाषा के अध्यक्ष एवं कबीर शोध पीठ के निदेशक प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी ने कहा कि किसी भी देश के लिए जितना आवश्यक सीमाओं पर बाह्य सुरक्षा होती है उतना ही आवश्यक देश के अंदर आंतरिक सुरक्षा भी होती है। उसके लिए सभी शिक्षण संस्थानों को आगे आना पड़ेगा। युवाओं में राष्ट्रीय चेतना का भाव सृजन करके ही हम भारत को विश्व स्तर पर विशिष्ट ख्याति दिला सकते हैं। विशिष्ट अतिथि एवं फैन्स उत्तर प्रदेश के संयोजक श्री अरुणकान्त जी ने कहा कि आज देश में नकारात्मकता को बढावा देने वाली ताकतें बढ़ रही हैं। इसके लिए आवश्यक है कि हमारा समाज सकारात्मकता की ओर अग्रसर हो और इन ताकतों को रोकने का कार्य करे। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे कर्नल रामाश्रय मिश्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज जनमानस में देश के समक्ष चुनौतियों से निपटने के लिए
संकल्पित भाव को प्रवाह देना होगा, जिससे प्रत्येक नागरिक आन्तरिक एवं बाह्य सुरक्षा के साथ-साथ भारत के पडोसी देशों से बढ़ रहे खतरों से सजग हो सके। राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच का निरन्तर यह अभियान है कि भारत को वैचारिक एवं सामरिक रूप से उपमहाद्वीपीय क्षेत्र सहित मध्य एवं दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में प्रभुता स्थापित करने के नये आयाम के साथ प्रेरणा प्र दान करे। इसके लिए भारतीय बजनमानस को प्रत्येक स्तरों पर मुखरित होना पड़ेगा। संगोष्ठी में विषय की प्रस्तावना बृजेश मणि मिश्र ने तथा संचालन डॉ॰ विनय कुमार मिश्र ने किया। अन्त में सभी का आभार ज्ञापन डॉ॰ करुणेश मिश्र ने तथा शुभकामना मन्त्र डॉ॰ प्रांगेश कुमार मिश्र ने किया। संगोष्ठी में प्रमुख रूप से दयाशंकर शर्मा, डॉ॰ कौशल किशोर तिवारी, सुषमा त्रिपाठी, डॉ॰ उमा त्रिपाठी, डॉ॰ अशोक कुमार शाही, सुधीर मिश्र, डॉ॰ कृष्ण मुरारी पाल, डॉ॰ बृजेश प्रसाद दुबे, डॉ॰ अभिषेक कुमार पांडेय, रवि प्रताप सिंह, डॉ॰ मयंक श्रीवास्तव, प्रीति मिश्रा, गिरीश राज त्रिपाठी, कृष्ण कुमार मिश्र, समरेन्दु सिंह, पंकज पति त्रिपाठी, दीप नारायण कनौजिया, अरविंद श्रीवास्तव, राहुल गिरी, अनूप कुमार सिंह, पंकज पांडेय संदीप मिश्र, अरुण यादव, डॉ॰ शोभित श्रीवास्तव, श्री कृष्ण मुरारी पाठक, अमरदीप, नीलेश, रमेश चंद्र त्रिपाठी, संजय गुप्ता, विपिन बिहारी पांडेय, शशांक पांडेय आदि उपस्थित रहे।