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गृहस्थों की कृष्ण जन्माष्टमी 19 अगस्त को एवं वैष्णवों की 20 अगस्त को

वाराणसी से प्रकाशित हृषीकेश पंचांग के अनुसार 19 अगस्त दिन शुक्रवार को सूर्योदय 5 बजकर 35 मिनट पर और अष्टमी तिथि का मान सम्पूर्ण दिन अर्द्धरात्रि के पश्चात एक बजकर 6 मिनट तक (20 अगस्त 1–06 a- m), कृतिका नक्षत्र भी सम्पूर्ण दिन और रात्रिशेष 4 बजकर 58 मिनट पर्यन्त।इस दिन ध्रुव योग सम्पूर्ण दिवस […]

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नागपंचमी आज, कालसर्प योग के उपचार के लिए सबसे उत्तम मुहूर्त

आज 2 अगस्त (मंगलवार) को नागपंचमी का त्योहार है।इस दिन सूर्योदय 5 बजकर 25 मिनट पर और शुक्र पंचमी तिथि का मान सम्पूर्ण दिन और रात्रि 2 बजकर 25 मिनट पर्यन्त,इस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र दिन में 3 बजकर 47 मिनट, पश्चात हस्त नक्षत्र है। इसी प्रकार शिव योग भी सांयकाल 5 बजकर 53 मिनट तक […]

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सावन मास प्रारंभ, जानिए क्यों प्रिय है भगवान शिव को यह महीना

क्या है सावन के सोमवार का महत्व ? 14 जुलाई दिन गुरुवार से 12 अगस्त दिन शुक्रवार तक श्रावण मास  इस वर्ष श्रावण मास में रहेंगे चार सोमवार आखिर भगवान शिव को श्रावण मास कितना अधिक प्रिय क्यों है? और वे इस समयावधि में पृथ्वी पर आकर क्यों रहते हैं? शिव के लिंग रूप का […]

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गुरुपूर्णिमा पर विशेष : जीवन में आध्यात्मिक गुरु बनाना आवश्यक

आध्यात्मिक गुरु बनाना अनिवार्य होता है। हमारे धर्म शास्त्रों में स्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि गुरु बनाने के पश्चात ही हमारे सभी पूजन कर्म, जप, दान इत्यादि का फल हमें प्राप्त होता है। जो गुरु नहीं बनाता है उसके द्वारा किए गए विभिन्न धार्मिक कृत्य पूर्ण फल नहीं देते हैं। संपूर्ण सिद्धि […]

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जानिए क्या है भगवान विष्णु का शयनकाल और देवशयनी एकादशी

10 जुलाई से 4 नवम्बर तक रहेगा- भगवान विष्णु का शयनकाल आज का पंचांग  10 जुलाई को सूर्योदय 5 बजकर 15 मिनट पर और आषाढ़ शुक्ल एकादशी का मान प्रातः काल 9 बजकर 21 मिनट तक, विशाखा नक्षत्र प्रातः 6 बजकर 10 मिनट पश्चात अनुराधा नक्षत्र और शुभ योग सम्पूर्ण दिन रात को 10 बजकर […]

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शनि अमावस्या आज, 30 मई को सोमवती अमावस्या, शनि जयंती और वट सावित्री व्रत अभूतपूर्व उत्तम संयोग

शनि के लंगड़े होने की कथा है – कहा जाता है कि पिप्पलाद मुनि की बाल्यावस्था में उनके पिता का देहावसान हो गया था। यमुना के तट पर तपस्वी जीवन व्यतीत करने वाले उनके पिता को शनि ने अत्यधिक कष्ट दिया था। विपन्नता और ब्याधि के निरंतर आक्रमण से पिप्पलाद मुनि के पिता के प्राण […]

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वट सावित्री व्रत का महत्व ऐसे करें पूजा

ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इसमें वट वृक्ष की पूजा की जाती है। यह व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए करती हैं। इस व्रत में तीन दिवसीय उपवास रखा जाता है। यह उपवास ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी से अमावस्या तक रखा जाता है। कुछ स्थानों पर वट सावित्री व्रत एक दिन […]

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गीताप्रेस शताब्दी वर्ष समारोह

सनातन मूल्यों के प्रहरी गीता प्रेस का शताब्दी वर्ष में प्रवेश भारतीय सनातन धर्म और संस्कृति का ध्वजवाहक गीता प्रेस 14 मई (वैशाख शुक्ल त्रयोदशी) से अपने स्थापना के 100 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। इस दिन से वर्ष पर्यंत भारतीय सनातन मूल्यों को संवर्धित और गौरवान्वित करने वाले अनेक आयोजन होंगे। इस […]

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धर्म, कर्म, संन्यास के प्रतीक आद्य शंकराचार्य 

आज 6 मई को शंकराचार्य की जयन्ती पर विशेष  सामान्य धारणा है कि पहुंचे ज्ञानी को कर्म शोभा नहीं देता है‌ उसे कर्म के गोरखधंधे में नहीं पड़ना चाहिए। लेकिन सच्ची बात यह है हम ज्ञान प्राप्ति के बाद ही कर्म के नाम पर अकर्म कर्तव्य के नाम पर और अकर्तव्य और परोपकार के नाम […]

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अहिंसा और अपरिग्रह के प्रतीक ‘महावीर स्वामी’

कहा जाता है कि महावीर के पिता राजा सिद्धार्थ और माता त्रिशला का देहांत हो चुका था और वे इस बंधन के कट जाने पर समस्त राज्य वैभव को त्याग कर सर्व त्यागी सन्यासी बनने की तैयारी कर रहे थे। उसी समय उनके बड़े भाई नंदीवर्धन ने आकर कहा -“भाई! तुम यह कैसा विचार कर […]

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